UPSI पेपर लीक मामले का खुलासा, 7 साइबर एक्सपर्ट गिरफ्तार

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 23 अगस्त 2017, 5:17 PM (IST)

अमरीष मनीष शुक्ला,इलाहाबाद। यूपी एसटीएफ ने आखिरकार बड़ी सफलता हासिल की है और योगी सरकार में आये सबसे बड़े चैलेंज को अंजाम दिया। यूपी एसटीएफ ने यूपी दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र को लीक करने वाले 7 शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है। जैसा कि पहले उम्मीद थी पेपर को साइबर एक्सपर्टों ने ही लीक किया था। पकड़े गये सभी युवक साइबर एक्सपर्ट हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो यह साइबर एक्सपर्टों की एक प्रोफेशनल टीम है। जो एक गैंग की तरह काम करती है। पूरे देश में इनका एक बहुत बड़ा नेटवर्क है। न सिर्फ यूपी एसआई। बल्कि देश भर में कई परीक्षाओ की सिक्युरिटी ब्रेक कर इन शातिरों ने परीक्षाएं लीक की हैं।

फिलहाल एसटीएफ की पूछताछ जारी है। इनमे कयी नाम खुलेंगे तो कयी भर्ती फर्जीवाड़े की हकीकत सामने आयेगी। एसटीएफ इनके नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश में लगातार जाल बिछा रही है और अब इनसे पूछताछ के बाद कई बड़े खुलासे होने तय माने जा रहे हैं।

मीडिया से बात करते हुये आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पकड़े गये इन साइबर एक्सपर्टों ने पेपर लीक किया है। लेकिन इनका नेटवर्क बहुत बड़ा है। यानी यह खुलासे का सिर्फ एक हिस्सा है। अभी इस मामले में बहुत कुछ पर्दाफाश होगा। परीक्षा करा रही गाजियाबाद की कंपनी एनएसईआइटी भी शक के दायरे में है। एनएसईआइटी के अधिकारियों, तकनीक विशेषज्ञों से पूछताछ की गई है। फिलहाल ऑनलाइन परीक्षा सर्वर से छेड़छाड़ न करने की हिदायत दी गई है। क्योंकि यहां से भी बहुत कुछ मिलेगा।

आईजीअमिताभ यश ने बताया कि परीक्षा कराने वाली कंपनी ने नियमों का पालन नहीं किया है। कंपनी का सिक्योरिटी ऑडिट किया गया है। फिलहाल इस पूरे प्रकरण के मास्टरमाइंड की शिनाख्त भी हो गई है। ओम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में इसका प्लान तैयार हुआ था। यहां से तीन को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने सर्वर हैक कर लिया था। जिससे बड़ी आसानी से पेपर लीक किया गया। साइबर एक्सपर्ट टीम ने पहले मालवेयर इंस्टॉल कर दिया था। जिससे कंपनी के सर्वर को ब्रेक किया गया।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पूर्ववर्ती सपा सरकार की दारोगा भर्ती को हरी झंडी दी। भर्ती प्रक्रिया में पहले ऑन लाइन लिखित परीक्षा 17 जुलाई से 31 जुलाई तक शुरू हुई। परीक्षा का पेपर 22 जुलाई को अचानक से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। तो हड़कंप मच गया। पहले दो दिन के लिये परीक्षा स्थगित हुई। बाद में डीजीपी ने पूरी परीक्षा रद्द कर दी। मामले में साइबर सेल में FIR दर्ज की गई और जांच में एसटीएफ जुटी। डीजीपी सुलखान सिंह के लिये यह बहुत बड़ा चैलेंज था। उनके निर्देश पर एसटीएफ ने अपना पूरी ताकत जांच में झोंक दी और आखिर कार एक महीने बाद मामले का पर्दाफाश कर दिया।

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