नफरत की खाई को पाटने के लिए तीन राज्यों मेंं गठित होंगी कमेटिया

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 23 अगस्त 2017, 3:00 PM (IST)

नूंह। देशभर में हिंदू-मुस्लिम के बीच बढ़ रही नफरत की खाई को पाटने के लिए तीन राज्यों के 8 जिलों में आतंकवाद के खिलाफ और सामाजिक सुधार एवं आपसी सद्भावना कमेटियों का गठन किया जायेगा। वहीं मेवात के नूंह जिले के 443 गांव में अलग अलग कमेटियां बनेगी। एलान मेवात के बडक़ली चौक से किया गया। देशभर में शहीदों के लिए काम कर रही सामाजिक संस्था अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरफूद्दीन खान मेवाती की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बारह बावन पाल और छत्तीस बिरादरी के लोगों के साथ मिलकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान राज्यों के गुरूग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल, दिल्ली, भरतपुर और अलवर जिलों में 52 आदमियों की कमेटी बनेगी। मेवात नूहं जिले के हरेक गांव में 11 से 21 आदमियों की कमेटिया बनाई जायेंगी।

इन कमेटियों में हरेक धर्म के किसी न किसी प्रतिनिधि को शामिल किया जायेगा, जो अपने समाज में फैली बुराईयों को रोकने के लिए अन्य सदस्यों के साथ मिलकर रणनीति तैयार करेगा। इन कमेटियों में सम्बधित क्षेत्र का एक पुलिस अधिकारी व पंचायत अधिकारी शामिल किया जायेगा। इनमें उलमाओं के अलावा गौत्र-पाल के चौधरी, लम्बरदार, फौजी, पंच, सरपंच, समाजसुधारक, बुद्धिजीवी और शिक्षाविद्ध को कमेटियों में रखा जायेगा। जब भी कोई वाद-विवाद गांवों एवं जिलों में सामने आयेंगे तो उनका निपटारा इन्हीं कमेटियों द्वारा किया जायेगा।

बडक़ली चौक पर रिटायर मेट्रो पोलेटिन मजिस्ट्रेट कर्नल आर्यवीर, सद्भावना के लिए 52 गौत्रपाल के लोग एक साथ अलग-अलग राज्यों में सामाजिक एकता के लिए संघर्ष करेंगे। महाभियान का मकसद सामाजिक सद्भावना के लिए नया माहौल तैयार करने के अलावा सभी गौत्र-पाल के लोगों को एकजुट कर देश की एकता एवं अखंड़ता के लिए मिलकर लडऩे के लिए प्रेरित करना होगा। ये गोत्रपाल होंगे शामिल: मेवात के प्रख्यात समाजसेवी राजुद्दीन ने जानकारी दी कि छत्तीस बिरादरी में तंवर-तोमर पाल की चौधराहट से संबंध रखने वाले चौधरियों की कमेटी जल्दी ही तैयार होगी।

इसी पाल में बालौत के धौज, गोबिन्दगढ़, अकाता, सेमलाखुर्द सहित बाघोडिय़ा के बाघोड़ा, मूसाखेड़ा व देड़वाल के मेवली, लीलहेड़ा तथा रटावत के माचड़ी सेहोड़ा, मड़ेरा भी शामिल है। वहीं छिरकलौत के कोट, उटावड, रूपड़ाका, धौलेट, बिछोर, लुहिंगाकलां, सिरौली, मालूका, सीतलखेड़ा सहित डैमरोत के बिसरू, बीवां, घाटा और कामेड़ा के अलावा दुलौत के सीकरी, दौहा, खेड़ा, लाड़मका, बुर्जा, मीलपुर, युदलौत में महुआ, बहाला, देशोला समेत नयाई के अलवर, धनेटा, रायबका, करोली, नीकच इत्यादि पाल शामिल होंगे। सूर्यवंश एवं कुशवाहा दहंगल के आमेर, रहना, गुवालदा, घासेड़ा, धुलावट, चाहलका, रायसीना, बडक़ा, सारा सहित बडग़ूजर सिगल-जोनवाल के इसमालपुर, चांदौली, मदेरा के अलावा राठौर, कलीशा के मेवाड़, दादर समेत चौहान पलाकड़ा के मेवखेड़ा पालों की अलग-अलग संघर्ष समितियां बनेंगी।

इस अवसर पर खलील अहमद पीपाका, दरियाव सिंह कश्यप, भीमसिंह मैथिल, अख्तर रायसीना, कवि केसरी लाल, असलम जेलदार मरोड़ा, हरियाणा प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष अनीता तोमर, हाजी अली, दशरथ चौहान, मौलवी अलाउल्ला खां ने सभा में अपने विचार रखे।

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