बाघ ‘टी-28’ ने किया जोगीपुरा में पालतू गाय का शिकार

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 21 अगस्त 2017, 8:29 PM (IST)

सवाईमाधोपुर। रणथंभौर के बाघ ‘टी-28’ ने आजकल सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से महज 4 किमी दूर घनी बस्ती वाले जोगीपुरा में अपना डेरा जमा लिया है। इस बाघ ने पिछले कुछ दिनों से इसी क्षेत्र को अपना इलाका बना रखा है। बाघ ने इसी जगह पर रविवार की रात टी-28 ने एक पालतू गाय पर हमला कर उसे अपना शिकार बनाया। वहीं 2 दिन पूर्व भी टाइगर ने यहीं पर एक बछड़ी को अपना शिकार बनाया था। बाघ ने पिछले 2 माह पूर्व भी इसी जगह पर 2 गायों को अपना शिकार बनाया था।

आए दिन टाईगर के शिकार करने की वजह से स्थानीय लोग हमेशा डरे एवं सहमे रहते हैं। ऐसे में स्थानीय निवासियों की प्रशासन से मांग हैं कि टाइगर ना आए उसके लिए कोई उचित व्यवस्था की जाए। वहीं समाज सेवी हरिप्रसाद योगी ने वन विभाग के अधिकारियों पर सही से मॉनिटरिंग नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अभी तक सुरक्षा दीवार नहीं होने पर सवाल उठाए। वहीं रणथम्भौर बाग परियोजना के रैंजर नारायण सिंह नरूका ने बताया कि हमने यहां पर आकर मौका मुआयना किया तो पता चला बाघ टी-28 ने गाय पर हमला कर उसे मारा है। रात के समय में टाइगर यहां पर आया था, उसकी हम यहां पर ट्रेकिंग करेंगे। साथ ही नियमनुसार हम इस परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा।

क्यों निकल रहा बाघ जंगल से बाहर

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जहां रणथंबोर नेशनल पार्क में बाघों की बाहर निकलने का मामला लगातार सामने आ रहा है और आए दिन शिकार बढ़ रहे हैं जिसके पीछे वन विभाग के पीछे के पास कोई तथ्यात्मक जवाब नहीं है अगर बाघों के बाहर निकलने के मामले में बात करें तो कुछ वन्यजीव प्रेमियों के अनुसार बढ़ती हुई बाघों की संख्या और घटता हुआ जंगल का क्षेत्रफल एक अहम कारण है। रणथंभौर में बाघों की बढ़ती संख्या के साथ उन्हें अपना इलाका छोटा पड़ने लगा है। साथ में घनी बस्ती के नजदीक पालतू पशु रहने से शिकार करना आसान हो जाता है। 2 माह पहले बाघ ने दो गायों को भी बाघ ने अपना शिकार बनाया था। हैरत की बात तो यह है कि यह परिवार जिसकी गाय का शिकार रविवार रात को किया गया वह परिवार भी वही खेत पर रहता है। ऐसे में अचानक बाघ इंसान पर भी हमला कर सकता है।

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