ब्लड शुगर, हार्टअटैक, बीपी, क्लोन कैंसर से लड़ता है एलोवीरा

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 17 अगस्त 2017, 4:48 PM (IST)

बीकानेर। कृषि वैज्ञानिक और मृदा विशेषज्ञ डॉ. राम बजाज ने दावा किया कि ग्वारपाठा या घृतकुमारी (एलोवीरा) के इस्तेमाल से क्रोनिक डिजेनरेटिव बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसका मुख्य कारण एलोवीरा में मौजूद 12 विटामिन्स, 18 अमिनो एसिड, 20 मिनरल्स और 75 योगिक पौष्टिक तत्व और 200 सक्रिय एंजाइम्स हैं। ये सभी तत्व शरीर में विजातीय पदार्थों (टोक्सिंस) को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। इससे ब्लड शुगर, हार्टअटैक, बीपी, क्लोन कैंसर आदि लाइलाज बीमारियों से राहत मिलती है।

डॉ. राम बजाज ने अपने दावे में बताया कि बिगड़े रहन-सहन के कारण शरीर के अंदर विजातीय द्रव्य (टोक्सिन) अौर फ्री रेडीकल एकत्रित हो जाते हैं। इनका शरीर से निष्कासन नहीं होने के कारण कई रोग पैदा होते हैं। शरीर में अम्ल और क्षार के बिगड़े अनुपात के कारण बीपी, शुगर, क्लोन कैंसर जैसे असाध्य बीमारियां पनपने लगती हैं। एलोवीरा के मिनरल्स शरीर में व्याप्त फ्री रेडिकल को बाहर निकाल फेंकते हैं। इससे अम्ल और क्षार का अनुपात सही हो जाता है।

डॉ. बजाज ने दावा किया है कि एलोवीरा, एंटी बाइटिक, एंटीसेप्टिक और एंटी फंगस गुणों वाला पौधा है। डॉ. राम बजाज ने एलोवीरा (ग्वार पाठा) सहित सात रिसर्च किए हैं। कृषि वैज्ञानिक और मृदा विशेषज्ञ डाॅ. बजाज ने ग्वार, मूंगफली, गेहूं, चने की उत्पादकता के साथ-साथ गुणवत्ता बढ़ाने के लिए रिसर्च किए हैं।

इस बारे में कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक अनुसंधान डॉ.गोविंदसिंह ने कहा कि एलोवेरा मेडिसिन के रूप में कई मामलों में लाभदायक है। त्वचा और पाचन क्रिया के मामले में यह ज्यादा फायदेमंद है। इस पर कई शोध हो चुके और क्रीम भी मार्केट में चुकी हैं। मेडिकल क्षेत्र में यह बहुपयोगी है।

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