जब इस डायरेक्टर ने राखी गुलजार को मारा था थप्पड़

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 15 सितम्बर 2017, 2:07 PM (IST)

दशकों तक पर्दे पर अपनी अदाकारी के जरिए फैन्स में एक खास जगह बनाने वाली राखी पर आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी एक खास कहानी बताते हैं। राखी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के रानाघाट इलाके में जन्मी थी। भारत की आजादी की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद राखी का जन्म हुआ था। राखी ने शुरुआती पढ़ाई पास के गर्ल स्कूल में पूरी की। उनकी शादी छोटी उम्र में ही एक बंगाली फिल्म डायरेक्टर अजय बिस्वास से हो गई थी। एक बार राखी ने बताया था कि, उस समय वो इतनी छोटी थीं कि उन्हें केवल इतना मालूम था कि हर लड़की की शादी होती है और उन्हें भी यह करना है। छोटी उम्र में हुई ये शादी ज्यादा दिन नहीं चली। 20 साल की उम्र में उन्होंने बंगाली फिल्मों से एक्टिंग की शुरुआत की और बॉलीवुड में अपनी राह बना ली। साल 1973 में राखी और गुलजार ने शादी कर ली। दोनों फिल्म इंडस्ट्री में नए थे। एक ही तरह का स्वभाव भी था। लेकिन फिर भी सब उस तरह नहीं चल पाया जैसे उन्होंने सोचा था।


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फिल्मी सफर
राखी गुलजार ने 1967 में 20 साल की उम्र से अपने करियर की शुरुआत बंगाली फिल्म ‘वधु वरण’ से की, उन्होंने अपने करियर में बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया। इस फिल्म के दौरान राखी की अदाकारी से पहली बार सुनील दत्त प्रभावित हुए और वह उन्हें फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में मुख्य किरदार से तौर पर लेना चाहते थे।

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लेकिन इससे पहली ही राखी ने फिल्म ‘जीवन मृत्यु’ (1970) को साइन किया और फिल्म में उन्होंने लीड रोल निभाया। यह फिल्म राखी की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म थी, जिसको राजश्री प्रोडक्शन हाउस की ओर से तैयार किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि फिल्म ‘जीवन मृत्यु’ की शूटिंग के दौरान सीन को सही तरह से न करने पर निर्देशक सत्येन बोस ने राखी को थप्पड़ मारा था।


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सबसे ज्यादा ​फीस लेने वाली दूसरी अभिनेत्री
1970 -1974 तक राखी बॉलीवुड में आशा पारेख के बाद दूसरी सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस बनी। फिल्म इंडस्ट्री में अपना यही स्थान उन्होंने 1975-1982 के दौर में लोकप्रिय अभिनेत्री परवीन बॉबी और रीना रॉय के समय में भी बनाए रखा। 1971 में फिल्म ‘शर्मिली’ में राखी गुलजार को पहली बार बॉलीवुड फिल्मों में डबल रोल करने का मौका मिला।

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इसमें उन्होंने शशि कपूर और धर्मेन्द्र के साथ स्क्रीन शेयर की। इसी साल उन्होंने फिल्म ‘लाल पत्थर’ और ‘पारस’ में भी लीड रोल में काम किया। यह तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई। इसी के साथ राखी बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकाराओं में शामिल हुई।

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प्रमुख फिल्में
राखी ने अपने फिल्मी करियर में 95 से ज्यादा फिल्में की, जिसमें शशि कपूर के साथ सर्वाधिक 10 फिल्मों— शर्मिली (1971), जानवर और इंसान (1972), कभी-कभी (1976), त्रिष्णा (1978), बसेरा (1981), पिघलता आसमान (1985), बंधन कच्चे धागों का (1983), बंध हौठ (1984), जमीन आसमान (1984), दूसरा आदमी (1977) और एक दो तीन चार में काम किया।

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इसमें से 4 फिल्में उनकी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, 6 फिल्में सुपरहिट और एक फिल्म ‘एक दो तीन चार’ रिलीज ही नहीं हुई। यहां तक कि लीड एक्ट्रेस के तौर पर उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म ‘पिघलता आसमान’ भी 1985 में शशि कपूर के साथ की। राखी को पहली बार फिल्म ‘हीरा पन्ना’ (1973) से बॉलीवुड सुपरस्टार देव आनंद के साथ काम करने का मौका मिला। इसके अलावा उन्होंने फिल्म बनारसी बाबू, जोशीला और लूटमार में भी देव आनंद के साथ स्क्रीन शेयर की।

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राखी ने फिल्म इंडस्ट्री को उस समय सबसे बड़ा झटका दिया जब उन्होंने फिल्म ‘आंचल’ (1980) में राजेश खन्ना की भाभी के किरदार को निभाने के लिए कहा। यह फिल्म भाभी और देवर के रिश्ते पर आधारित थी, जिसको शक की निगाहों से देखा जाता है। हालांकि बाद में बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म सुपर हिट साबित हुई।

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1980 से 1990 के दौर में राखी ने फिल्मों में एक विधवा मां के किरदार निभाने शुरू किए, जिसकी शुरुआत उन्होंने 1989 में बनी फिल्म ‘राम लखन’ से की। इस फिल्म में राखी के किरदार के साथ फिल्म में उनके संवाद (डॉयलॉग) को भी दर्शकों ने बेहद पसंद किया। इसके बाद उन्होंने फिल्म अनाड़ी (1993), बाजीगर (1993), खलनायक (1993), करण अर्जुन (1995), बॉर्डर (1998) और एक रिश्ता: द बॉन्ड ऑफ लव (2001) में भी दमदार मां की भूमिका निभाई।

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आखिरी फिल्म शुभ मुहूर्त

राखी ने अपनी अंतिम फिल्म ‘शुभ मुहूर्त’ की, जो 2003 में बनी। इस फिल्म से उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस में दूसरा नेशनल अवॉर्ड भी मिला। इन दिनों राखी फिल्मों में सक्रिय नहीं है।राखी को हमेशा इस बात का अफसोस रहता है कि उन्होंने फिल्मों के दौरान बेहतरीन डांस नहीं सीखा। यदि ऐसा कर पाती तो, उनका कहना था कि वह अपने फिल्मी करियर में कुछ और बेहतरीन फिल्मों को शामिल कर सकती थी।
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