गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में दर्दनाक हादसे की न्यायिक जांच हो : पायलट

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 13 अगस्त 2017, 7:08 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने गोरखपुर के सरकारी चिकित्सालय में ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने से दर्दनाक मौत के शिकार हुए मासूम बच्चों के प्रति गहरा शोक जताया है और सरकारी लापरवाही के परिणामस्वरूप हुए इस सबसे बड़े दर्दनाक हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है।

पायलट ने बयान जारी कर कहा कि अस्पताल को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को सरकार द्वारा भुगतान नहीं किए जाने से 60 से भी ज्यादा बच्चे बेमौत मारे गए। उन्होंने कहा कि यह घटना उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार की घोर लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि दावे किए जा रहे हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने गत समय में दो बार अस्पताल के दौरे किए थे और व्यवस्थाओं की जानकारी ली थी। जो सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई है, क्योंकि अस्पताल प्रशासन की अनदेखी व सरकारी लापरवाही के परिणामस्वरूप मासूम बच्चे ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण मारे गए।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तरप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने गैर जिम्मेदारना बयान देते हुए कहा है कि 17-18 बच्चे तो हर साल अगस्त में मरते हैं जो मृतक बच्चों के परिजनों के जले पर नमक छिडक़ने जैसा है। उत्तरप्रदेश सरकार बच्चों की मौत का कारण ऑक्सीजन सप्लाई के बाधित होने को दबाने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती सपा सरकार पर दोषारोपण करने का कारण ढूंढ़ रही है। इतनी बड़ी लापरवाही होने के बावजूद सिर्फ सरकार द्वारा अस्पताल के प्रिंसिपल को पदमुक्त कर अपनी जिम्मेदारी से बचने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा दुखद हादसा होने के बावजूद सरकार संवेदनहीनता बरत रही है और बच्चों के परिजनों को अस्पताल में मंत्रियों की मौजूदगी के कारण शव तक देने में विलंब कर उनकी असहनीय पीड़ा को और बढ़ाया गया है।

पायलट ने कहा कि सरकारी लापरवाही के कारण असमय मौत का शिकार हुए मासूम बच्चों की इस दुखद घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए तथा उत्तरप्रदेश सरकार की जवाबदेही को हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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