डोनाल्ड ट्रंप बोले वेनेजुएला में सैन्य विकल्प से इनकार नहीं

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 12 अगस्त 2017, 3:36 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह वेनेजुएला में जारी राजनीतिक अराजकता की स्थिति के बीच सैन्य हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। न्यू जर्सी राज्य के बेडमिंस्टर स्थित गोल्फ क्लब में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने वेनेजुएला में बढते मानवीय संकट की निंदा की और कहा कि सभी विकल्प मौजूद हैं, जिसमें सैन्य हस्तक्षेप भी शामिल है। ट्रंप ने कहा, वेनेजुएला में हमारे पास कई विकल्प है और मैं सैन्य विकल्प से इनकार नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि हम सैन्य विकल्प को अंजाम दे सकते हैं। राष्ट्रपति के अनुसार, यह हमारा पडोसी है। आप जानते हैं, हम पूरी दुनिया में हैं और हमारे सैनिक पूरी दुनिया में बहुत दूर-दूर की जगहों पर भी हैं। वेनेजुएला ज्यादा दूर नहीं है, जहां लोग परेशान हैं और मर रहे हैं। हमारे पास वेनेजुएला के लिए कई विकल्प हैं, जिसमें जरूरत पडऩे पर सैन्य विकल्प की संभावना भी शामिल है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला में 30 जुलाई को हुए चुनाव के बाद वहां के राष्ट्रपति निकोलस मडुरो पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं।

इस मतदान के जरिये मडुरो को विपक्षी सदस्यों की पकड़ वाली नेशनल एसेम्बली के स्थान पर 545 सदस्यीय नई कॉन्सिट्युएंट एसेम्बली को अस्तित्व में लाने में कामयाबी मिल गई, जिसमें उनके समर्थक भरे पडे हैं। इसके बाद आशंका जताई जाने लगी है कि देश में तानाशाही शासन की स्थापना हो सकती है।

वहीं, ट्रंप की टिप्पणी के जवाब में वेनेजुएला के रक्षा मंत्री जनरल व्लादिजर पैदरिनो ने अमेरिका की ओर से सैन्य हस्तक्षेप की बात को पागलपन और चरमपंथ करार दिया।
इस बीच व्हाइट हाउस ने शुक्रवार रात को एक बयान जारी कर कहा कि उसने मडुरो की ओर से ट्रंप पर फोन पर बातचीत का अनुरोध खारिज कर दिया।

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व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, अमेरिका मडुरो प्रशासन द्वारा वेनेजुएला के लोगों के लगातार दमन में देश के लोगों के साथ खडा है। बयान में यह भी कहा गया है कि वेनेजुएला में लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही ट्रंप खुशी-खुशी देश के नेता से बात करेंगे। वेनेजुएला गंभीर आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। अप्रैल में मडुरो द्वारा कॉस्टिट्युएंट एसेम्बली के गठन की घोषणा के साथ ही देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

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