नई दिल्ली। डोकलाम सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में पिछले कुछ महीनों से
दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है। डोलगाम गतिरोध में अमेरिका के एक
शीर्ष रक्षा विशेषज्ञ ने भारत को एक परिपक्व शक्ति की तरह बर्ताव कर रहा
है। साथ कहा है कि इसमें चीन बदमिजाजी करने वाले किशोर की तरह दिखाई दे रहा
है। डोकलाम सीमा मामले को लेकर भारत के व्यवहार की तारीफ करते हुए
प्रतिष्ठित नेवल वॉर कॉलेज में रणनीति प्रोफेसर जेम्स आर होम्स ने कहा कि
अब तक भारत ने सही चीजें की हैं। न तो वह विवाद में पीठ दिखाकर भागा है और न
ही उसने बीजिंग की तरह बढ़चढक़र भाषणबाजी से जवाब दिया है।
प्रोफेसर
जेम्स ने कहा है कि वह एक परिपक्व शक्ति की तरह बर्ताव कर रहा है और इससे
चीन उस किशोर की तरह दिख रहा है, जो बदमिजाजी कर रहा है। उन्होंने कहा कि
यह बात ‘अजीब’ है कि चीन अपने सबसे बड़े पड़ोसी के साथ सीमाई विवाद जिंदा
रखना चाहता है। होम्स ने कहा कि अगर चीन आक्रामक नौवहन रणनीति अपनाना चाहता
है तो उसे अपनी जमीनी सीमाओं को इतना सुरक्षित कर लेना चाहिए ताकि जब उसे
अपने पड़ोसियों की ओर से जमीनी आक्रामकता का सामना करना पड़े तो उसे इसकी
चिंता न करनी पड़े।
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यूएस नेवल वॉर कॉलेज के प्रोफेसर ने कहा कि लागत
और लाभ के तार्किक विश्लेषण के आधार पर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो
हिमालय में भारत के साथ बैर पूरी तरह तार्किक कदम नहीं है। जब उनसे पूछा
गया कि अमेरिका इतने समय तक इस मुद्दे पर चुप क्यों रहा, तो उन्होंने कहा
कि मौजूदा प्रशासन के पास इस समय करने को बहुत कुछ है।
होम्स ने
कहा, यह भी संभव है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके सलाहकार उस हिमालयी विवाद
में अमेरिका को शामिल न करना चाहते हों। अगर विवाद बढ़ता है तो वाशिंगटन
के नई दिल्ली के समर्थन में आगे आने की संभावना है। आपको बता दें कि बता
दें कि भारत और चीन के बीच पिछले दो महिनों से डोकलाम इलाके में गतिरोध चल
रहा है। यह गतिरोध तब से शुरू हुआ, जब भारतीय सैनिकों ने चीन की पीपल्स
लिबरेशन आर्मी को इस इलाके में सडक़ बनाने से रोक दिया था।
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