नई दिल्ली। टेस्ट गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील करने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के निर्णय की आलोचना की है। अदालत ने हाल ही में श्रीसंत से आजीवन प्रतिबंध हटाया है। श्रीसंत ने ट्वीट करते हुए लिखा है, बीसीसीआई आप इससे बुरा किसी के साथ नहीं कर सकते।
वो भी उसके खिलाफ जिसे अदालत ने निर्दोष साबित कर दिया हो। आप बार-बार ऐसा क्यों कर रहे हो मेरी समझ में नहीं आ रहा। अदालत द्वारा सोमवार को दिए फैसले पर श्रीसंत ने कहा था कि उनको उम्मीद है कि उनका करिअर वापस पटरी पर लौटेगा और वे एक बार फिर देश का प्रतिनिधित्व कर पाएंगे।
श्रीसंत ने एएनएम समाचार चैनल से कहा, मैं इंडोर स्टेडियम में कड़ी मेहनत कर रहा हूं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे केरल टीम के कुछ खिलाडिय़ों के साथ अभ्यास करने का मौका मिल रहा है। बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा कि वह अदालत के फैसले से खुश नहीं हैं और उसके आदेश के खिलाफ अपील करेंगे।
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इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने श्रीसंत के ऊपर क्रिकेट खेलने पर लगे
आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था। श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग
मामले में संलिप्त के कारण बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगाया था। अदालत ने
अपने फैसले में कहा था, बीसीसीआई द्वारा बनाए गए भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम
के तहत श्रीसंत के खिलाफ अनुशासन समिति को किसी भी तरह के सबूत नहीं मिले
हैं।
वह परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर निर्भर है। समिति को सबूतों का विश्लेषण
करने में सावधानी बरतनी चाहिए। इससे पहले, निचली अदालत ने श्रीसंत पर से
आपराधिक मुकदमा हटा दिया था, लेकिन वे फिर भी सजा भुगत रहे थे जो बीसीसीआई
ने उन्हें अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर दी थी।
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