जयपुर। भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल की ओर से श्रमिकों के कल्याणा के लिएचलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ अब तीन माह पुराने श्रम पंजीयन कार्ड पर भी मिल सकेगा। फिलहाल छह महीने पुराने कार्ड पर यह लाभ दिए जा रहे हैं। श्रम मंत्री एवं मंडल अध्यक्ष डॉ. जसवंत सिंह यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को शासन सचिवालय मेंं हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि लेबर लाइन सेवा में बेहतरी के लिए आगामी 6 माह के दौरान अन्य एनजीओ से टेंडर मांग कर उसकी सेवाएं ली जाएं। मंडल की योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण राज्य की सभी ग्राम पंचायतों से विकास अधिकारियों के माध्यम से डाटा उपलब्ध कराकर कराया जाए। राज्य समाज कल्याण बोर्ड के माध्यम से 1000 पालना गृह खोले जाएं। प्रथम चरण में 500 पालना गृह खोले जाएं, जिनकी मॉनिटरिंग श्रम विभाग द्वारा की जाए। संतोषजनक परिणाम आनेे पर द्वितीय चरण में पुन: 500 पालना गृह खोले जाएं।
उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले केंद्रीय श्रम संगठनों से असंबद्ध यूनियनों का पंजीयन समाप्त किया जाना चाहिए तथा बीएमएस से संबद्ध यूनियन की आईडी ही चलाई जानी चाहिए।
श्रम एवं नियोजन विभाग के शासन सचिव टी. रविकांत ने पालना गृहों की दर में कमी करने को लेकर कहा कि केन्द्र तथा राज्य सरकार के समाज कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित पालना गृहों की दरों में अंतर का समुचित कारण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पालना गृह खोले जाने के संबंध में मंडल द्वारा गाइड लाइंस जारी की जाएंगी।
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बैठक में राज्य समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष कमला कस्वां, श्रम कल्याण आयुक्त
एससी जोशी, समाज कल्याण बोर्ड के सचिव पीआर मीना, मंडल के संयुक्त सचिव
एवं अतिरिक्त श्रम आयुक्त सीबीएस राठौड़, वित्त विभाग के लेखाधिकारी नौरतमल
जैन, मंडल के लेखाधिकारी एसएल खंडेलवाल, सलाहकार पीके सिसोदिया, संविदा
सहायक श्रम आयुक्त अनिल कुमार शर्मा, निर्माण श्रमिक प्रतिनिधि बीएमएस के
प्रदेश महामंत्री राज बिहारी शर्मा, भारतीय मजदूर संघ की सुश्री मंजू दवे,
विश्वकर्मा मिस्त्री यूनियन के आशुतोष गुप्ता भी मौजूद रहे।
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