चंडीगढ़। जाट समेत 6 जातियों (जाट, रोड, त्यागी, बिश्नोई,
जट सिख, जाट मुल्ला) को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के फैसले पर पंजाब एवं
हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सरकार इन जातियों को दोतरफा लाभ देना चाहती थी जिसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
सोनीपत के गोहाना (सोनीपत) निवासी
विकास व अन्यों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी
किए। याचियों ने 7 जून, 2017 को हरियाणा सरकार द्वारा जारी आदेशों को
चुनौती दी थी जिनमें ई.बी.पी. कैटागरी में दायरा बढ़ाते हुए जाट, बिश्नोई,
जट्ट सिख, रोड़, त्यागी व मुल्ला जाट को रिजर्वेशन का लाभ प्रदान किया गया
था। यह आदेश 23 जनवरी, 2013 की नोटिफिकेशन के आधार पर किया गया था।
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सैक्रेटरी (परसोनल एंड ट्रेनिंग)
डिपार्टमैंट, वैल्फेयर ऑफ शैड्यूल्ड कास्ट एंड बैक्वर्ड क्लास डिपार्टमैंट
के प्रिंसीपल सैक्रेटरी समेत हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन कमीशन को नोटिस जारी
कर जवाब मांगा गया था। याची पक्ष के वकील वी.के. जिंदल ने बताया कि जनरल
कास्ट पर्सन्स को आर्थिक आधार पर ई.बी.पी. में 10 प्रतिशत का रिजर्वेशन
मिला हुआ था। वहीं वर्ष 2016 में हरियाणा सरकार ने जाटों समेत कुछ अन्य
जातियों को बैक्वर्ड क्लास-सी के शैड्यूल 3 में डाल दिया था। उस मामले में
हाईकोर्ट की अन्य डिविजन बैंच में स्टे लगा हुआ है। इसी बीच जून, 2017 में
जाटों समेत 6 जातियों को सरकार द्वारा ई.बी.पी. में डालने के आदेश जारी कर
दिए गए थे। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कहा गया था कि
संबंधित जातियां पहले ही बैक्वर्ड क्लास सी में हैं।
14 सितम्बर को होगी अगली सुनवाई
मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 सितम्बर की तारीख तय की गई है और वहीं
प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया गया है। दायर याचिका में सरकार द्वारा
जून, 2017 में जारी किए गए प्रशासनिक आदेशों को चुनौती दी गई थी। सरकार के
इन आदेशों पर स्टे लगने से संबंधित जातियों को याचिका के लंबित रहने तक
आर्थिक आधार पर आरक्षण के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। गौरतलब है कि जाटों
समेत कुछ अन्य जातियों के रिजर्वेशन को अन्य याचिका में भी चुनौती दी गई थी
जिस पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित है।
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