जेपी इंफ्राटेक की हालत खस्ता, हजारों निवेशकों का क्या होगा ?

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 10 अगस्त 2017, 6:33 PM (IST)

नई दिल्ली। देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में शुमार जेपी इंफ्राटेक जल्द ही दिवालिया घोषित कर दी जाएगी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) के इलाहाबाद ब्रांच ने गुरुवार को आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाल दिया है। एनसीएलटी अब जेपी इंफ्राटेड को दिवालिया घोषित होने के बाद की कार्रवाई और उसकी संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए 7 अकाउंटिंग कंपनियों में से एक को जिम्मा देगी, जो जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वालों के साथ कर्ज चुकाने की संभावनाओं पर रास्ता निकालेगी।

8,365 करोड़ रुपये के कर्ज में फंसी कंपनी को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अब 270 दिनों का समय दिया जाएगा यदि इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति नहीं बदली तो उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी। यह उन हजारों लोगों के लिए भी बड़ा झटका है जिन्होंने जेपी समूह में निवेश किया है। सूत्रों के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 32 हजार नए घर जेपी बिल्डर्स बना रहा है और ऐसे घरों में निवेश करने वाले लोगों का पैसा फंस गया है। एनसीएलटी ने साफ कह दिया है कि अगर 270 दिनों में जेपी ग्रुप के हालात नहीं बदले तो जेपी इंफ्राटेक की संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी।

जेपी इंफ्राटेक जयप्रकाश एसोसिएट्स की मुख्य बड़ी कंपनियों में से एक है। जयप्रकाश एसोसिएट्स का इस कंपनी में 71.64 फीसदी का हिस्सा है। जेपी ग्रुप पर करीब 8 हजार 35 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें सबसे ज्यादा कर्ज आईडीबीआई बैंक का है। मनीकंट्रोल पोर्टल के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक की याचिका पर ही एनसीएलटी ने ये फैसला सुनाया है। इस फैसले की सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है, जिन्होंने जेपी ग्रुप से कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उसकी डिलीवरी नहीं मिली है।

आपको बता दें कि जेपी ग्रुप गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, आगरा में 5 टाउनशिप बना रहा है। इन बड़ी परियोजनाओं में हजारों घर, पेंट हाउस, प्लॉट्स, स्कूलों की जगह है। जेपी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ही हजारों फ्लैट्स बना रहा है। जेपी ग्रुप ने ही यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण का ठेका लिया था, जिसकी लागत 128.39 बिलियन रुपए आई। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में ही जेपी बिल्डर्स ने रेसिंग ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम समेत तमाम बड़े निर्माण कार्यों को अंजाम दिया है।

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गौरतलब है कि आरबीआई ने जिन 12 कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया के तहत इंसॉल्वेंसी कोड में डाला है उनमें भी जेपी इंफ्राटेक का नाम शामिल है। जयप्रकाश एसोसिएट्स के मालिक मनोज गौर हैं। जिन 12 कंपनियों को दिवालिया घोषित करने के लिए इंसाल्वेंसी कोड में डाला गया है, उनमें मोनट इस्पात, ज्योति स्ट्रक्चर्स, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, एमटेक ग्रुप, एस्सर स्टील, भूषण स्टील, भूषण पॉवर एंड स्टील, जेपी इंफ्राटेक, लैंको इंफ्राटेक, एबीजी शिपयार्ड, आलोक इंडस्ट्रीज और एरा इंफ्रा एंड इंजीनियरिंग के नाम हैं।

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