इन छह नामों से जानी जाती थी बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 05 सितम्बर 2017, 5:37 PM (IST)

बॉलीवुड की उम्दा कलाकारों में से एक मीना कुमारी जिन्हें, ‘ट्रेजेडी क्वीन’ के नाम से भी जाना जाता है। मीना कुमारी ने अपनी अदाकारी के साथ ही अपनी कलम के जादू से भी अपने प्रशंसकों को दीवाना बना रखा था। उनकी अदाकारी के जितने दीवाने हैं उतने ही उनकी नज्मों और शायरियों के भी। मीना कुमारी का असली नाम माहजबीं बानो था। जब उनका जन्म हुआ तब पिता अली बख्श और मां इकबाल बेगम (मूल नाम प्रभावती) के पास डॉक्टर को देने के पैसे नहीं थे। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने बच्ची को किसी यतीमखाने के बाहर सीढ़‍ियों पर छोड़ने का फैसला किया लेकिन भावनाओं के कारण वह ऐसा न कर सके। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी कुछ अनसुनी दास्तां बताने जा रहे हैं —स्त्रियां क्यों नहीं फोड़तीं नारियल,जानें रोचक बातें

मीना कुमारी के पिता अली बक्श भी फिल्म कलाकार थे और उनकी मां प्रभावती देवी (इकबाल बानो) एक मशहूर डांसर थी। मीना कुमारी एक या दो नहीं बल्कि छह नामों से जानी जाती थी। मीना कुमारी रील लाइफ में ‘ट्रेजडी क्वीन’ के नाम से मशहूर हुई। मीना कुमारी का जब जन्म हुआ तो पिता अलीबख्श और मां इकबालबानो ने उनका नाम रखा मेहजबीं बानो।बजरंग बली को करना है प्रसन्न तो करें ये उपाय

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बचपन के दिनों में मीना कुमारी की आंखे बहुत छोटी थी इसलिए परिवार वाले उन्हें चीनी कहकर पुकारा करते थे। लगभग चार वर्ष की उम्र में ही मीना कुमारी ने फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया। फिल्मों में उनका नाम रखा गया बेबी मीना। मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही प्यार से उन्हें मंजू कहकर बुलाया करते थे।

निजी जिंदगी में झेला दुख

मीना कुमारी को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए चार बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। बता दें कि उन्हें यह अवॉर्ड ‘साहिब बीवी और गुलाम’ में उनके निभाए गए ‘छोटी बहू’ के किरदार के लिए मिला था। वैसे, मीना कुमारी ने अपने करियर में जितनी बुलंदियां हासिल की हैं निजी जिंदगी में उतनी ही मुश्किलें भी झेली। जन्म से लेकर अंतिम घड़ी तक उन्होंने दुख ही दुख झेला। कामयाबी का जश्न मनाने का वक्त आता, उससे पहले ही कोई न कोई हादसा उनका पीछा करता ही रहता।


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शेरो शायरी का शौक
मीना कुमारी को अभिनय के अलावा शेरो-शायरी का भी बेहद शौक था। उनके गानों को आज दर्शक शौक से सुनते हैं। यह भी कहा जाता है कि मीना कुमारी अभिनेत्री नहीं होती तो, शायर होती। मीना कुमारी की जितनी ही फिल्में सफल हुई उनमें उनके गीत संगीत का बड़ा योगदान था।उनकी फिल्मों के कुछ गाने आज भी सुनने को मिलते हैं जैसे— अजीब दास्तां है ये, रूक जा रात, छू लेने दो नाजुक होठों को, ना जाओ सईयां, चलते-चलते यूं ही कोई, मधुबन में राधिका और इन्हीं लोगों ने जैसे सुपरहिट गाने शामिल हैं। जिसे दर्शक आज भी भुलाए नहीं भू​लते हैं। आज भले ही 21वीं सदी क्यों न हो लेकिन मीना कुमारी के ये बेहतरीन नगमे आज भी गुनगुनाए जाते हैं।

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मुश्किलों से आजादकमाल अमरोही की पाकीजा महत्वाकांक्षी फिल्म थी, लेकिन वो इसे आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। सुनील दत्त और नर्गिस के कहने पर वर्षों बाद इसकी शूटिंग शुरू हुई। मीना कुमारी ने तलाक के बाद भी कमाल अमरोही की इस फिल्म का हिस्सा बनी रही। 14 साल बाद 4 फरवरी, 1972 को फिल्म पर्दे पर आई। यह एक सुपरहिट फिल्म साबित हुई, लेकिन तब तक मीना की हालत काफी बिगड़ गई थी।

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बीमारी की हालत में भी वह लगातार फिल्में कर रही थी, लेकिन रोग असाध्य हो गया था। अंतत: 31 मार्च 1972 को लिवर सिरोसिस के चलते मीना कुमारी ने दुनिया को अलविदा कह दिया और तमाम मुश्किलों से आजाद हो गईं।

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निजी जिंदगी के राज1952 में मीना कुमारी ने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के साथ शादी कर ली। लेकिन यहां उन्हें कमाल की दूसरी पत्नी का दर्जा मिला। इसके बावजूद कमाल के साथ उन्होंने अपनी जिंदगी के खूबसूरत 10 साल बिताए। मगर 10 साल के बाद धीरे-धीरे मीना कुमारी और कमाल के बीच दूरियां बढ़ने लगी और फिर 1964 में मीना कुमारी कमाल से अलग हो गईं।

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पति से अलगाव की वजह धर्मेद्र
इस अलगाव की वजह अभिनेता धर्मेद्र थे, जिन्होंने उसी समय अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उस समय मीना कुमारी के सितारे बुलंदियों पर थे, उनकी एक के बाद एक फिल्म हिट हो रही थी। मीना कुमारी बॉलीवुड के आसमां का वो सितारा थी, जिसे छूने के लिए हर कोई बेताब था। धर्मेद्र की जिंदगी का अकेलापन दूर करते-करते मीना उनके करीब आने लगी। दोनों के बारे में अफेयर की काफी चर्चा होने लगी। मीना कुमारी के रूप में धर्मेद्र के करियर की डूबती नैया को किनारा मिल गया था और धीरे-धीरे धर्मेंद्र के करियर ने भी रफ्तार पकड़ी।


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धमेंद्र से मिली बेवफाई
अपनी शोहरत के बल पर मीना कुमारी ने धर्मेद्र के करियर को ऊंचाइयों तक ले जाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इतना सब करने के बाद भी मीना को धर्मेंद्र से भी बेवफाई ही मिली। फिल्म ‘फूल और पत्थर’ की सफलता के बाद, धर्मेद्र ने मीना कुमारी से दूरियां बनानी शुरू कर दी और एक बार फिर से मीना कुमारी अपनी जिंदगी में तन्हा रह गईं।

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शराब की आदी
धर्मेद्र की बेवफाई को मीना झेल न सकी और हद से ज्यादा शराब पीने लगी। इस वजह से उन्हें लिवर सिरोसिस बीमारी हो गई। यही नहीं धर्मेन्द्र ने एक बार मीना को सबके सामने थप्पड़ मारा था।

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39 साल की उम्र में 31 मार्च, 1972 को अत्यधिक शराब पीने की वजह से उनकी मौत हो गई। बताया जाता है कि दादा मुनि अशोक कुमार से मीना कुमारी की ऐसी हालत देखी नहीं जाती थी। उन्होंने उनके साथ बहुत-सी फिल्मों में काम किया था।

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