वाराणसी। देश में पिछले कई दिनों से सांप्रदयिक हिंसा घटनाओं से माहौल
बिगाडने की खबरें सामने आई है। इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई जो हिन्दू और
मुस्लिम के बीच एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। हम बात कर रहे है कि
यूपी के वाराणसी में आलमआरा नाम की मुस्लिम महिला की। इस महिला को लोग
नंदिनी के नाम से भी जानते है। आलमआरा पारे का शिवलिंग बनाने का काम करती
है। इसके लिए तरल पारे को पहले ठोस रूप में लाया जाता है और फिर खांचे में
रखकर उसे शिवलिंग का आकार दिया जाता है।
वाराणसी के प्रह्नाद घाट
के क्षेत्र में रहने वालीं आलमआरा पिछले 15 सालों से यह काम कर रही है।
आस्थावान लोगों का मानना है कि पारा न केवल भगवान शिव का अंश है बल्कि इसी
से ब्रह्मांड की रचना हुई है। यही वजह है कि शिवभक्त पारे से बने शिवलिंग
की पूजा को बहुत शुभ मानते हैं।
आलमआरा के पति पहले ऑटो चलतो थे,
बाद में उन्होंने ऑटो चलाना छोड दिया। फिर ऐसा काम खोजने की तलाश में लग गए
जिसे और कोई नहीं करता हो। पति की इसी जिद में कई साल बीत गए इस दौरान
परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब हो गई। आलमआरा का कहना है कि एक दिन एक
बाबा हमारे घर आए और उन्होंने तरल पारे से शिवलिंग बनाकर बेचने की सलाह दी।
इसके बाद से वह अबतक इसी काम से जुडी हुई है।
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आलमआरा के मुताबिक वो 16 ग्राम से लेकर ढाई क्विंटल तक पारे का शिवलिंग बना चुकी हैं। इन शिवलिंगों की मांग सिर्फ वाराणसी तक ही नहीं बल्कि देश-विदेश में दूर-दूर तक है। सावन के दिनों में इन शिवलिंगों की मांग काफी बढ़ जाती है।
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