उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति को लेकर संशय, जांच के आदेश

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 18 जुलाई 2017, 11:18 AM (IST)

लखनऊ। इक्कीस वर्षों से जिलों में उर्दू अनुवादक के पदों पर नियुक्ति नहीं हुई है। आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गई सूचनाओं में इसका खुलासा हुआ है। यह जानकारी राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने दी।
उन्होंने बताया कि उर्दू अनुवादक/अध्यापक की नियुक्ति को लेकर सूचना आयोग में कई शिकायतें आई हैं, जिसमें से शामली, संभल, बिजनौर, मुरादाबाद आदि के आवेदन आए। एक अन्य प्रकरण में रामपुर निवासी सै जफर अली ने बीएसए मुरादाबाद से जानकारी मांगी थी कि जनपद में उर्दू अनुवादक/शिक्षक की कितनी नियुक्ति की गयी, मगर विभाग द्वारा वादी को कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। नियम के तहत प्रार्थीगणों ने राज्य सूचना आयोग में आवेदन देकर संबंधित प्रकरण की जानकारी मांगी थी।
उस्मान ने बताया कि मांगी गई सूचनाओं के अनुसार लगभग 41 विभागों में उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति होनी थी, जिसका शासनादेश 20 अगस्त, 1994 में ही जारी हो गया था, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के सभी विभागों और कार्यालयों में उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति की जाए।
समस्त जिलों में उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति 41 विभागों सहित सभी तहसीलों, ब्लाकों और थानों पर भी होनी थी। ये नियुक्ति समस्त जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जानी थी। इस संबंध में कार्मिक विभाग, उप्र शासन द्वारा शासनादेश जारी कर सभी मंडलायुक्तों व समस्त जिलाधिकारियों को उर्दू अनुवादकों के पदों पर भर्ती का शासनादेश जारी किया था, मगर शासनादेश का पालन समस्त जिलाधिकारियों द्वारा अभी तक नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी/बीएसए मुरादाबाद, सम्भल, बिजनौर, शामली के प्रतिनिधि उपस्थित हुए, उनके द्वारा प्रकरण के संबंध में अवगत कराया गया है कि 27 उर्दू अध्यापक/अनुवादक की नियुक्ति उर्दू अध्यापकों के पद पर की गयी है तथा नियुक्त शिक्षकों/शिक्षिकाओं के विद्यालयों के नाम नोटिस बोर्ड पर चस्पा किये गये हैं, व अन्य वादों में भी वादी द्वारा मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ है कि मुरादाबाद 77, संभल 35, बिजनौर 87 कुल 226 उर्दू अध्यापक/अनुवादक की नियुक्ति उर्दू अध्यापकों के पद पर की गई है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।
राज्य सूचना आयुक्त उस्मान ने दोनों पक्षों की बहस सुनी और मामले को गंभीरता से लेते हुए, सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 18 (2) के तहत प्रकरण में जांच शुरू कर दी है।
-आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे