नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में जैसे ही एनडीए ने प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारने की घोषणा की तो उनकी जीत चुनाव से पहले ही तय मानी जा रही थी। लेकिन जिस तरह विपक्ष से जोरशोर से मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया, लड़ाई बराबरी की मानी जाने लगी। लेकिन अब विपक्ष की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वजह है त्रिपुरा में क्रॉस वोटिंग, जहां विपक्षी एकता की अहम साझीदार ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने मीरा कुमार को वोट न देने का ऐलान किया। उन्हें सीपीएम को साथ लिए जाने पर एतराज था।
त्रिपुरा टीएमसी अध्यक्ष आशीष साहा ने पुष्टि करते हुए बताया कि दिल्ली में बैठकर सीपीएम के साथ एकजुट होकर मीरा को समर्थन देने के लिए तैयार हो गए। जो सीपीएम को सपॉर्ट करेगा, हम उसका साथ नहीं देंगे। हम एनडीए के कैडिंडेट को वोट करेंगे, जो सीपीएम के खिलाफ है। हमारे छह विधायक कोविंद को वोट देंगे।
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वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने मीरा कुमार को समर्थन देने का ऐलान किया था। लेकिन खबरें आ रही हैं कि पंजाब विधानसभा में कुछ AAP विधायक एनडीए उम्मीदवार कोविंद को वोट दे सकते हैं। हालांकि इस संबंध में कोई बयान या पुष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। इसके दूसरी ओर, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने एक तरह से हार मानते हुए कहा कि एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद भारी मतों से जीतने वाले हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों ने मीरा कुमार को ही वोट दिया है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अबदुल्ला ने कहा कि अगर हम आकंड़ों पर जाएं तो ये एनडीए प्रत्याशी कोविंद के पक्ष में नजर आते हैं। हालांकि उनकी पार्टी भी मीरा कुमार के साथ रही।
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