लालू को दिया अल्टिमेटम खत्म, अब नीतीश लेंगे फैसला

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 15 जुलाई 2017, 6:11 PM (IST)

पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल दलों के बीच दरार चौड़ी नजर आने लगी है। गठबंधन में शामिल दल भले ही गठबंधन अटूट होने की बात कर रहे हों, लेकिन ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। जेडीयू ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में नीतीश कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को जेडीयू की तरफ से आरजेडी को तेजस्वी पर फैसला लेने के लिए 4 दिन का जो अल्टिमेटम दिया गया था, वह शनिवार को खत्म हो गया है। ऐसे में अब रविवार को जेडीयू की ओर से कोई निर्णायक फैसला लिए जाने की बात कही जा रही है।

खास तौर पर अपनी छवि को लेकर चिंतित बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब जल्द कोई फैसला कर लेना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि चार दिन में तेजस्वी पर फैसला करने के जेडीयू के अल्टिमेटम पर आरजेडी ने वह गंभीरता नहीं दिखाई, जिसकी उम्मीद जेडीयू कर रही थी। किसी और नेता के बजाय जब खुद लालू ने सामने आकर तेजस्वी का खुलकर बचाव किया, तो यह मान लिया गया कि आरजेडी अपने स्टैंड से डिगने वाली नहीं है। इस बीच ऐसी खबरें भी आईं कि किसी बीच के फॉर्म्युले पर काम हो रहा है, लेकिन उसे लेकर भी कोई ठोस बात सामने नहीं आ सकी। एक तरफ लालू खुलकर तेजस्वी का बचाव कर रहे हैं, दूसरी तरफ नीतीश ने अभी तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। नीतीश की यही चुप्पी आरजेडी को अखर रही है। शनिवार को भी जब मीडिया ने नीतीश से इस मसले पर बात करने की कोशिश की, तो वह बिना कुछ कहे निकल गए।

सरकारी कार्यक्रम में तेजस्वी का नहीं आना चर्चा का विषय

इससे पहले शनिवार को एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, कार्यक्रम में उनकी कुर्सी और टेबल पर उनकी नेम प्लेट भी लगी हुई थी। पटना में विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगी भी पहुंचे। राजद कोटे के मंत्री विजय प्रकाश भी कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन तेजस्वी नहीं पहुंचे। तेजस्वी के नहीं आने की सूचना के बाद उनकी नेम प्लेट को हटा दिया गया।

पहले भी सामने आई है नीतीश-तेजस्वी के बीच दूरी

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इसके पूर्व मंत्रिमंडल की बैठक में भी नीतीश और तेजस्वी के बीच दूरी नजर आई थी। दोनों नेता शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल तो जरूर हुए, परंतु दोनों के बीच दूरी बनी रही। इधर, राजद और जद (यू) के नेताओं में जारी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा भ्रष्टाचार मामले में फंसे अपने बेटे और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद के इस्तीफे से इनकार किए जाने के बाद जद (यू) ने शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि लालू बुजुर्ग हो गए हैं, इस कारण बुजुर्गियत में ऐसी बातें कर रहे हैं।

जद (यू) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा, लालू अब बुजर्ग हो गए हैं। बुजुर्गियत में लगातार अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर जद (यू) के रुख को साफ करते हुए कहा कि पार्टी कभी भी इससे पीछे नहीं हटेगी। जहां तक फैसले का सवाल है, तो नीतीश सही समय पर ही सही फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता होना जरूरी। जिन पर आरोप लगे हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए।

जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राजद अध्यक्ष को दीवार पर लिखी लिखावट को पढ़ लेना चाहिए। राजनीतिक और सामाजिक जीवन में लोकलज्जा का महत्व होता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता शरद यादव ने हवाला मामले में फंसने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दिया था, नीतीश कुमार ने एक रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि पार्टी को आशा है कि लालू प्रसाद अपनी जिद छोडक़र इस संकट की घड़ी में सामने आएंगे और इससे राज्य को निजात दिलाएंगे।

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