जिले में खुले पेय, शीतल पदार्थों, कटे फलों की बिक्री पर रोक

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 11 जुलाई 2017, 3:59 PM (IST)

करनाल। जिले में पीलिया फैलने की घटनाओं को रोकने के लिए उपायुक्त ने खुले पेय और शीतल पदार्थों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही जिले के सभी चिकित्सा अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को बीमारियों की रोकथाम के आवश्यक निर्देश दिए हैं।

कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निदेशक, सिविल सर्जन, सभी उप सिविल सर्जन, सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, नगरनिगम के आयुक्त,सभी उपमंडल अधिकारियों, हुडा के संपदा अधिकारी, जिले के सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदार, सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा सभी नगरपालिकाओं के सचिव अपने सम्बन्धित क्षेत्र में बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
उपायुक्त द्वारा दिए गए आदेशों में कहा गया है कि पीलिया की रोकथाम के दृष्टिगत सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ ऐरिया में गन्ने के कोल्हू द्वारा तैयार रस, कटे-फटे व गले-सड़े फलों व सब्जियों , बिना ढके व खुले में रखी मिठाई, पकौड़ा, बिस्कुट व अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने के जिम्मेदार होंगे । आदेशों में बर्फ/कुल्फी, आईस गोला, रंगीन शरबत, नीबूं पानी व जलजीरा की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पेयजल का प्रमाण-पत्र लिए बिना अपने अधीनस्थ क्षेत्र में कुल्फी, मटका कुल्फी, मेवाड़ प्रेम, सोडा, सोडा वाटर, लैमन व बर्फ आदि का उत्पादन तुरंत बंद करवाएं और तैयार हो चुके सामान को नष्ट करवाएं, साथ ही इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें ताकि पानी के नमूने लेकर गुणवत्ता की जांच की जा सके। इसके अतिरिक्त जिले के बाहर से आने वाली बर्फ का प्रवेश भी अपने क्षेत्र में वर्जित करें। आदेशों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के जल संसाधनों के नजदीक खुले में नहाने, कपड़े धोने तथा पशुओं को नहलाने जैसे कार्य करने पर रोक लगाई गई है,इसके साथ-2 पीलिया की रोकथाम के लिए उल्टी और दस्त से पीडि़त व्यक्तियों का सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में सफर करना भी वर्जित किया गया है। जिले में बगैर प्रशासनिक अनुमति के किसी भी प्रकार का कोई मेला आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

उपायुक्त ने अपने आदेशों में यह भी कहा कि आमजन से गंदे पानी की सप्लाई के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो इसकी सूचना जनस्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को भी दें ताकि पानी के नमूने लेकर पानी की गुणवत्ता की जांच करते हुए आम जन को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध करवाया जा सके। आदेशों में सरपंचों और पंचों को भी हिदायत देने की बात कही गई है कि पीलिया रोग के लक्ष्ण पाए जाने पर इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। यह आदेश आज से आरम्भ होकर आगामी 31 दिसम्बर 2017 तक प्रभावी रहेंगे

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