अमरनाथ हमला : इस्माइल ने मारा, सलीम ने बचाई 50 लोगों की जान

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 11 जुलाई 2017, 2:24 PM (IST)

नई दिल्ली। कश्मीर के अनंतनाग हाईवे पर अमरनाथ यात्रियों से भरी जिस बस पर आतंकियों ने हमला किया उसके ड्राइवर सलीम के चर्चे देशभर में किए जा रहे है। सोशल मीडिया पर भी सलीम की बहादुरी के चर्चे हो रहे है। आपको बता दें कि हमले के बाद सलीम ने दिलेरी और जांबाजी दिखाते हुए तब तक बस को चलाना जारी रखा, जब तक बस आतंकियों की पहुंच से दूर नहीं हो गई। सलीम ने सूझ-बूझ दिखाते हुए 50 लोगों की जान बचाई।

सलीम की दिलेरी के चर्चे उस बस में सवार यात्रियों के अलावा देश के हर कोने से तारीफ कर रहे है। गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने भी सलीम को सलाम किया। सूरत एयरपोर्ट पर हमले में मारे गए गुजरात के 5 यात्रियों को श्रद्धांजलि देने के बाद रूपानी ने कहा कि ड्राइवर ने जिस तरह दो किलोमीटर तक बिना रुके बस चलाकर आतंकियों की पहुंच से दूर निकाला, इसके लिए वह उन्हें धन्यवाद देते हैं। बता दें कि इस आतंकी हमले में कुल 7 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 30 से ज्यादा घायल हो गए थे।

सलीम ने हमले को याद करते हुए कहा, आठ बजे के पास सामने से फायरिंग हुई। फायरिंग हद से ज्यादा हो रही थी। मैं गाड़ी चलाता रहा। मैं झुका, तो पास वाले साथी को गोली लगी। उन्होंने कहा, लगातार फायरिंग हुई। मैं इसलिए रुका नहीं और बस चलाता रहा। सलीम ने कहा कि उस वक्त खुदा ने मुझे आगे बढ़ते रहने की हिम्मत दी और मैं रुका नहीं।

अनंतनाग जिले में हमले में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल के शामिल होने की खबर मिल रही है। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक हमले करने वालों में इस्माइल ने तीन अन्य आतंकियों के साथ मिलकर हमले को अंजाम दिया।

कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने बताया कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। उन्होंने ये भी बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी मूल के लश्कर कमांडर इस्माइल ने अपने एक पाकिस्तानी साथी तथा दो स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। हालांकि, लश्कर ने फिलहाल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इसके पहले हिजबुल का हमले में हाथ बताया जा रहा था।

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हादसे में बचे कुछ यात्रियों ने बताया कि बस ड्राइवर ने सूझ-बूझ दिखाते हुए मौके से बस को किसी तरह भगाकर सुरक्षाबल के कैंप तक पहुंचाया। उनके मुताबिक अगर आतंकी बस में सवार होने में कामयाब हो जाते तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।

सलीम के रिश्तेदार जावेद ने कहा कि उन्होंने रात साढ़े 9 बजे मुझे फोन करके गाड़ी पर हुई फायरिंग की जानकारी दी। वह सात लोगों की जान नहीं बचा सके, लेकिन 50 से ज्यादा लोगों को सेफ जगह पहुंचाने में कामयाब रहे। मुझे उनपर गर्व है।

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