G-20 शिखर सम्मेलन: आतंकवाद के मसले पर भारत को मिली कामयाबी

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 08 जुलाई 2017, 11:41 PM (IST)

हैम्बर्ग। भारत ने शनिवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद निरोध पर बातचीत में उसका बड़ा प्रभाव रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय नेताओं के बीच आतंकवाद के साथ-साथ भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग और कर चोरी को रोकने पर भी सहमति जताई। साथ ही तेजी से उभरते संरक्षणवाद को खारिज करते हुए भारत समेत जी20 के देशों ने शनिवार को संरक्षणवाद से लडऩे और बाजार को खोलने पर सहमति जताई। शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से शेरपा अरविंद पनगढिय़ा ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा,भारत का जी-20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद निरोध पर चर्चा में बड़ा प्रभाव रहा है और व्यापार एवं निवेश, पलायन और जलवायु परिवर्तन में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की जी-20 शिखर सम्मेलन में जर्मन चांसलर अंगेला मर्केल समेत यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत में आतंकवाद के खात्मे के उपाय बातचीत के केंद्र में रहे। जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर मोदी यूरोपीय नेताओं के साथ अपनी हाल की सभी बैठकों में आतंकवाद से लडऩे का मुद्दा उठाते रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जी-20 से कहा था कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इस आर्थिक मंच (जी-20) की सदस्यता लेने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मोदी का इशारा पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ था, जिसे जी-20 की किसी भी बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।

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जी-20 में शामिल देशों के नेताओं से कहा, आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ निषेधात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। मोदी ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए कई बिंदुओं वाला एक एजेंडा पेश किया। उन्होंने कहा, ऐसे देशों के जी-20 में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 राष्ट्रों को नामित आतंकियों की राष्ट्रीय सूची का आदान-प्रदान करना चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों के खिलाफ प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाना चाहिए। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ समग्र संधि (सीसीआईटी) को तुरंत स्वीकार किए जाने का आह्वान किया।

भारत ने इस संधि की रूपरेखा विश्व के सामने रखी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 द्वारा चरमपंथ के खिलाफ कार्यक्रमों पर व्यापक रूप से जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय कार्यबल और इस जैसे अन्य साधनों के जरिए आतंकियों को मिलने वाले वित्तपोषण पर लगाम लगाई जानी चाहिए। साथ ही आतंकी गतिविधियों को कुचलने के लिए जी-20 देशों के बीच साइबर सुरक्षा के मामले में ठोस सहयोग होना चाहिए। मोदी ने कहा कि जी-20 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के आतंकवाद-रोधी तंत्र का गठन किया जाना चाहिए।

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