हैम्बर्ग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने
के लिए जर्मनी पहुंच गए है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा विश्व के अन्य
शीर्ष अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेता आज हैम्बर्ग में दो दिवसीय जी-20
सिम्मेलन के लिए शामिल हो रहे है। बताया जा रहा है कि इस दौरान आतंकवाद,
जलवायु परिवर्तन और विश्व व्यापार जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में होंगे।
सिक्किम
सीमा को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में इस
सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की किसी
भी संभावित बैठक पर सभी की निगाहें टिकी होंने की उम्मीद थी। लेकिन चीन ने
इस पर गुरुवार शाम विराम लगा दिया। चीन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया
कि जर्मनी में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच
मुलाकात नहीं होगी। चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक ऐसा मौजूदा सीमा
विवाद को लेकर पैदा हुए हालात को देखते हुए तय किया गया है।
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इस
सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रजब
तैयब एर्दोआन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत अन्य शीर्ष
नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। आपको बता दें कि उन्नीस देशों और
यूरोपीय संघ के संगठन को गु्रप ऑफ 20 कहा जाता है। अर्जेंटीना,
ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनिशया, इटली,
जापान, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की,
ब्रिटेन और अमेरिका इस समूह के सदस्य हैं।
हैम्बर्ग सम्मेलन की
मेजबान और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की जन्मभूमि होने के साथ-साथ वामपंथी
कट्टरपंथियों का सरकार विरोधी गढ़ भी है। इस सम्मेलन से पहले कम-से-कम 30
प्रदर्शन होने की उम्मीद है। जिसमें पूंजीवाद विरोधी समूहों के सदस्यों
समेत हजारों लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है।
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