सिरोही /जयपुर। गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि भारत रत्न बाबा
साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के समरता एवं समानता के आदर्श को हम जीवन में
अपनाएं और अपने आचरण एवं संस्कारों में उनके सिद्धान्तों एवं कार्यो को
स्थान दें।
देवासी रविवार को सिरोही के खाम्बल में
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति अवनावरण कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय
को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के जीवन मूल्यों को
जीवन में उतारकर अपने व्यक्तित्व का विकास करें। उन्होंने कहा कि डॉ.
अम्बेडकर ने शिक्षा को सबसे बडा शस्त्र माना है। उन्होंने शिक्षा एक ऎसा
शस्त्र है, जो जीवन की सभी कठिनाईयों का निवारण करता है। हमें उनके इस
संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है क्योंकि जब तक समाज शिक्षित नहीं होगा तब तक
देश विकसित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब द्धारा निर्मित संविधान
से हमको सीख मिलती है कि जमीन से जुड़ा हुआ व्यक्ति भी जन प्रतिनिधि बन
सकता है। वे संविधान निर्माता थे। उन्हांंेने वहां उपस्थित आम जन को
आह्वान किया कि हम सभी संकल्प लें कि समाज शिक्षित और संगठित कैसे हों, और
हम समाज के लिए क्या कर सकते है, इस दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होेंने
हाई मास्क लाईट को लगाने के लिए 3 लाख एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय
खाम्बल के लिए 5 लाख रुपये की घोषणा की।
सांसद देवजी एम
पटेल ने कहा कि बाबा साहेब ने जो विकास की परिकल्पना की थी, उसे हम सभी को
साथ लेकर विकास के पथ को अग्रसर करना है। उन्होंने कहा कि जालोर, पाली व
सिरोही शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ापन है उसे हमें दूर करना होगा इसके लिए
बालक व बालिकाआें में भेद नहीं करते हुए समान शिक्षा प्रदान करनी होगी।
उन्होंने वहां उपस्थित युवाओं से नशे से मुक्ति का आह्वान किया।
उन्होंने
कहा कि हमें डॉ. अम्बेडकर की भावना के अनुरूप भेदभाव रहित समाज बनाना है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने भारतीय संस्कृति के उन विषम पहलुओं से
संघर्ष कर मानव को मानव से मिलाने का अनूठा कार्य कर समरता का वातावरण पैदा
करने में अपने जीवन को समर्पित किया तथा देश को विश्व का अद्वितीय संविधान
प्रदान किया जो देश को एकता के सूत्र में बाधे हुए हैं। उन्होंने खाम्बल
गांव में खैल मैदान की चार दीवारी के लिए 3 लाख रुपये व विद्युत लाईन के
लिए एक लाख 20 हजार की घोषणा की।
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