15 महीने में चार बार बदला सिलेबस, परीक्षाएं सिर पर फिर बदली किताबें

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 23 जून 2017, 12:32 PM (IST)

मंडी (बीरबल शर्मा)। हिमाचल प्रदेश की दस जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) में दो साल का प्रशिक्षण ले रहे 3000 हजार जेबीटी (नया नाम डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) प्रशिक्षुओं की शिक्षा विभाग के तुगलकी फरमानों ने नींद उड़ा कर रख दी है। हैरानी व परेशानी यह है कि इन प्रशिक्षुओं का सिलेबस 15 महीनों में चार बार बदला जा चुका है। बार-बार आ रहे आदेशों की प्रतियां दिखाते हुए इन प्रशिक्षुओं के सब्र का बांध उस समय टूट गया जब चौथी बाद सिलबेल बदलने का आदेश निदेशक शिक्षा द्वारा इन्हें मिला। इनके पांव तले जमीन खिसक गई क्योंकि न तो अभी तक पहले ही साल की परीक्षा ली गई है और उपर से पढ़ाई भी लगभग पूरी होने वाली है।

बार-बार आदेश निर्देश बदले जाने से सन्न व परेशान प्रशिक्षुओं ने मांग की है कि उनकी परीक्षाएं नये सिलेबस के अनुसार ही ली जाएं। ऐसा न करने की सूरत में सभी प्रशिक्षु सडक़ों पर आकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। विभाग पर आरोप है कि वह प्रदेश के 3000 हजार प्रशिक्षुओं के भविष्य ये खिलवाड़ कर रहा है जो सहनीय नहीं होगा।

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अपनी इस व्यथा को सुनाते हुए प्रशिक्षुओं ने बताया कि 26 जुलाई, 2015 को इसमें प्रवेश के लिए परीक्षा ली गई थी। आठ महीने बाद अप्रैल, 2016 में उनकी कक्षाएं आरंभ हुई। उस समय आदेश आया कि इन प्रशिक्षुओं को डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन का सिलेबस पढ़ाने की बजाय जेबीटी का ही सिलेबस पढ़ाया जाएगा। इसके खिलाफ जब आवाज उठाई गई तो 7 मार्च, 2017 को प्रारंभिक शिक्षा द्वारा दस महीने बाद निर्देश दिए गए कि जेबीटी प्रशिक्षुओं को एलीमेंटरी एजुकेशन वाला सिलेबस पढ़ाया जाए। एलीमेंटरी एजुकेशन वाला सिलेबस पढऩे के लिए प्रशिक्षु तैयार भी हो गए मगर 15 मार्च को फिर से 2015 के बैच वाले प्रशिक्षुओं का सिलेबस ही करने के निर्देश जारी कर दिए गए।

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प्रशिक्षुओं द्वारा मांग किए जाने के बाद शिमला में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने प्रदेश के सभी 12 डाइटों से आए प्रशिक्षुओं के साथ बात की और पूछा कि वे क्या चाहते हैं जिस पर सभी ने एलीमेंटरी एजुकेशन वाला सिलेबस शुरू करने को कहा तो 18 अप्रैल, 2017 को इसकी अनुमति दे दी गई और प्रशिक्षण के दो महीने और बढ़ा दिए गए। अब जबकि प्रशिक्षु इस सिलेबस को लगभग पूरा कर चुके हैं तो प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने फिर से फैसला बदल दिया कि उनकी परीक्षाएं पुराने सिलेबस के अनुसार ही होंगी।

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