लंदन। अल्जाइमर बीमारी के इलाज को लेकर वैज्ञानिकों में एक नई उम्मीद जगी
है। नाइजीरिया में पारंपरिक दवा के रूप में सदियों से इस्तेमाल में लाया जा
रहा एक पौधे का रस अल्जाइमर के इलाज के लिए नई दवा का आधार साबित हो सकता
है।
पत्रिका फार्मास्यूटिकल बायोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक
कार्पोलोबिया ल्यूटिया पौधे की पत्तियों, तनों व जडों से निकाला गया रस
मस्तिष्क के रासायनिक संदेशवाहकों की सुरक्षा में मददगार साबित हो सकता है,
जो स्मृति तथा सीखने की क्षमता सहित दिमाग के कार्यो में अहम भूमिका
निभाता है।
अध्ययन के मुताबिक पौधे का रस अल्जाइमर के लक्षणों से निपटने के लिए नई दवा
के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। सबसे बडी बात यह है कि इस दवा का
दुष्प्रभाव नहीं होगा,जबकि मौजूदा दवाओं का शरीर पर दुष्प्रभाव पडता है।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में मुख्य शोधकर्ता वायने कार्टर ने
कहा,जिस तरह लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ रही है, डिमेंशिया से पीडित लोगों
की संख्या बढती जा रही है। यह खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करता है। पारंपरिक
दवाएं नए रसायन प्रदान करेंगी, जो अल्जाइमर से निपटने में कारगर साबित
होगा।
कार्पोलोबिया ल्यूटिया को आम तौर पर कैटल स्टिक के नाम से जाना जाता है और
यह एक छोटा-सा पौधा है, जो मध्य तथा पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है।
नाइजीरिया में इसका इस्तेमाल जननांगों में संक्रमण, मसूढों में सूजन तथा
कमर दर्द के इलाज के लिए किया जाता है।
(आईएएनएस)
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढने की फिर शुरूआत होती दिख रही
है। प्रवर्तन निदेशालय ने चंदे में कथित गडबडी के मामले में 50-50 लाख रूपए
का चंदा देने वाली चार कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले
में ईडी आम आदमी पार्टी के नेताओं से पूछताछ कर सकता है।
जांच के दौरान आरोप सही पाए गए तो प्रवर्तन निदेशालय आम आदमी पार्टी की
संपत्ति भी जब्त कर सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि आप को दो
करोड रूपए का चंदा देने वाली चार कंपनियों के खिलाफ मनी लांड्रिग एक्ट के
तहत मामला दर्ज किया गया है। ईडी ने यह कदम आयकर विभाग की जांच के बाद
उठाया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी दो करोड रूपए के चंदे की पूरी श्रंखला की
जांच करेगा।
कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने आप
पर चंदे के आड में कालेधन को सफेद करने के आरोप लगाए थे।
बताया गया कि आम आदमी पार्टी को पचास-पचास लाख के चार ड्राफ्ट के जरिए दो
करोड रूपए का चंदा मिला था। यह ड्राफ्ट चार अलग-अलग कंपनियों के थे। आयकर
विभाग ने भी कई कंपनियों से आप को मिले चंदे पर सवाल उठाया था। पार्टी पर
आरोप है कि एक ही शख्स की फर्जी कंपनियों से यह ड्राफ्ट लिए हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सबसे पहले एक एनजीओ ने चंदे पर सवाल उठाए। इसके बाद कपिल मिश्रा ने भी आप पर कालाधन सफेद करने का आरोप लगाए। इस विवाद के बाद मुकेश शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने दावा किया था कि चंदा देने वाली कोई कंपनी फर्जी नहीं है। वह इन चारों कंपनियों में निदेशक रह चुके हैं। मुकेश शर्मा की दलील थी कि आप से काफी उम्मीद थी, इसलिए उन्होंने सोचा कि चंदा देकर देश के लिए कुछ कर ले।
मुकेश शर्मा के दावों के फौरन बाद कपिल मिश्रा ने दावा किया कि जब चंदा दिया गया था, उस वक्त मुकेश शर्मा का इन कंपनियों से कोई ताल्लुक नहीं था।
ये भी पढ़ें - अनाथ और गरीब बच्चों के मन की मुराद पूरी कर रहा है साई सौभाग्य मंदिर