गाज़ियाबाद में लोगों के डूबने का सिलसिला जारी है और
प्रशासन की लापरवाही भी जारी है। गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में आज
नौ साल की बच्ची हिंडन में डूब गयी। उसको बचाने के लिए एक शख्स नदी में कूद
गया । दोनों की ही मौत हो गयी । लेकिन इसके बाद सामने आया हैरानी वाला
वीडिओ। ये वीडियो उस सरकारी अस्पताल का था, जहाँ बच्ची के शव को मौत के बाद
ले जाया गया।
गाजियाबाद
के जिला सरकारी अस्पताल में आज डॉक्टरों का एक अमानवीय चेहरा देखने को मिला। जहां डॉक्टरों ने इतनी भी ज़हमत नहीं उठाई कि एक नाबालिग के नंगे बदन
को ढ़कने के लिए वह एक चादर भी मुहैया करा देते। दरअसल आज इंदिरापुरम
वैशाली इलाके में एक 9 साल की बच्ची की डूबकर मौत हो गई, जिसके बाद उसको
बचाने के लिए पूरे युवक की भी मौत हो गई। इस घटना के बाद जब शवों को बाहर
निकाला गया तो परिजन जिला अस्पताल में इस आस के साथ पहुंचे की शायद बच्ची
बच जाए, लेकिन बच्ची को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बच्ची जिस
समय अस्पताल में आई वह नग्न अवस्था में थी और उसके बदन पर कपड़े नहीं
थे। लेकिन यहां डॉक्टरों ने एक अमानवीय चेहरा सामने आया, जिसमें
डॉक्टरों ने बच्ची के तन पर एक चादर भी नहीं ढकी और ना ही परिजनों को उसका
शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक मुहैया कराई । बच्ची के नग्न शरीर को जब
अस्पताल की मोर्चरी ले जाया जा रहा था उस समय एक वीडियो बनाया गया। वीडियो
में दिखाई देता है की कि परिजन उस बच्ची के शव को अपने कंधे पर लादकर ले जा
रहे हैं।साथ ही इस बच्ची के जिस्म पर किसी तरह का कोई चादर नहीं है।
यानी साफ है कि योगी सरकार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के
दावे यह अस्पताल के डॉक्टर फेल करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में जब
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने इस बारे में बात करने से
मना कर दिया। देखा जाए तो जिला अस्पताल हमेशा विवादों की स्थिति में रहा
है अब से पहले भी मरीजों के साथ दुर्व्यवहार की कई घटनाएं जिला एमएमजी
अस्पताल में हो चुकी है।
यहाँ
आपको ये भी बता दे की गाज़ियाब्द में पिछले दो दिनों में कई लोग नहर में
डूब चुके हैं। वहीं मुरादनगर नहर में भी कई लोगो की डूबने से मौत हो गयी है। नहर के आसपास चारदीवारी टूटी होने से हादसे हो जाते हैं।
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