सुलतानपुर। प्रदेश की सभी सड़कों को 15 जून तक गड्ढा मुक्त करने का योगी सरकार ने आदेश दिया था, लेकिन समयावधि बीतने के बाद भी ज़िले की 92 किलोमीटर की सबसे बड़ी सड़क परियोजना बेलवाई से हलियापुर मार्ग
गड्ढों के चलते तालाब में तब्दील हो चुकी है। हाल में हुई भीषण बरसात ने
योगी सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान की हवा निकल कर रख दिया है।
गढ्ढा युक्त बना है बेलवाई-हलियापुर मार्ग
बता दें कि सरकार के मंत्रियों का दावा है कि प्रदेश की 70 हज़ार किलोमीटर
सडकें गड्ढा मुक्त की जा चुकी हैं। लेकिन इनके दावों को मुंह चिढ़ा रही हैं
जिले की सबसे बड़ी सड़क बेलवाई-हलियापुर मार्ग
जो कई वर्षो से गड्ढे में तब्दील है। जिस पर न क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो की
नजर पड़ रही है, और न ही जिले के आला अधिकारियों की जिसके कारण वाहन
चालकों,राहगीरों व क्षेत्रीय जनता को सड़क पर जलभराव व कीचड़ भरे रास्ते पर
दिन प्रतिदिन सफर करना पड़ रहा है।
बरसों से है खस्ताहाल ये सड़क
बरसों से खस्ताहाल इस सड़क का निमार्ण कार्य कब तब पूर्ण होगा इसका जवाब
देना भी सम्बंधित विभाग भी मुनासिब नही समझ रहा है। जिसके चलते क्षेत्र के
जन मानस में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी
या राजनेता इस सड़क की बदहाली को लेकर जनता की समस्या का निदान करवाने की
सुध नहीं ले रहे हैं।
बेलवाई से हलियापुर मार्ग जो लगभग 92 किलोमीटर है तालाब में तब्दील हो चुकी
है। सड़क पर कीचड़, जलभराव व गन्दगी भरे रास्ते पर आवागमन करना क्षेत्रीय
लोगो के लिये मुसीबत बन गयी है। सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढ़ो की वजह से
आये दिन वाहन चालको व राहगीरों को आपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़
रही है।
सड़क को गड्ढा-मुक्त करने के नाम पर पीडब्लूडी विभाग द्वारा विगत कुछ सप्ताह
पूर्व इस सड़क के गड्ढो में जेसीबी मशीन से मिट्टी डालकर सड़क पर महज
खानापूर्ति कर दिया गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि महज दो ही दिन की हल्की
बारिश होने के कारण सड़क पर हुये गड्ढ़ो में डाली गई मिट्टी की वजह से अब सड़क
पर भीषण जलभराव व कीचड़ फैला हुआ है। जिसके चलते सड़क पर राहगीरों का आवागमन
बाधित होने के साथ सफर करने वाले सैकड़ो लोगो को कीचड़ व जलभराव में फस कर
घण्टों कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
क्षेत्रवासियो ने की इन अधिकारियों से शिकायत
उधर दूसरी तरफ साइकिल व दो पहिया वाहन सवार लोग इस कीचड़ में फिसलकर (गिरकर)
चोटिल हो रहे है। यही नहीं क्षेत्रवासियों ने कई बार पीडब्लूडी विभाग के
उच्चाधिकारियों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लिखित व मौखिक रूप से शिकायत
भी की है। उसके बावजूद भी सड़क की स्थित बदहाल बनी हुयी है।
जिसके कारण
क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर नफ़ीस अहमद का कहना है कि
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो को इस विकराल समस्या को तत्काल संज्ञान में लेकर
कार्यवाही करनी चाहिये। जिसके कारण क्षेत्र के चौमुखी विकास में विशेष
योगदान साबित हो सके।
वहीं क्षेत्र के समर बहादुर सिंह, सघन सिंह, सुशील उपाध्याय एडवोकेट, अरूण
सिंह एडवोकेट, राज करन यादव, गोविन्द सिंह, दिलीप सिंह, रबिभान शुक्ला ,
राजधर शुक्ला भारत पांडे ने आक्रोश जताते हुये कहा कि इस मामले में
जिलाधिकारी को भी सड़क की समस्या को लेकर ठीक कराने की मांग के सम्बन्ध में
शिकायती पत्र दिया गया था। इसके बाद भी इस सड़क से जुड़े सैकड़ों गांव की जनता
की इस समस्या पर न तो विभाग चेतने का नाम ले रहा है और न ही जिला प्रशासन
द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। जिसकी वजह से यह साफ पता चलता है कि
किस तरह से प्रदेश सरकार के द्वारा आदेश-निर्देशो का अनुपालन किया जा रहा
है।
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हल्की बारिश में कस्बे में जलभराव
क्षेत्र के बिंदेशवरीगंज, देहली, कुटटा, पीरोसरैया, हरौरा, धनपतगंज कोरऊ , ऐनपुर , कूरेभार समेत कई कस्बे में जलभराव की समस्या है।
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अधिकारी ने दिया ताल-मटोल जवाब
इस सम्बन्ध में जब सुल्तानपुर पीडब्लूडी एक्सीएन संजय कुमार से बात की गयी
तो उन्होंने बताया कि लगभग दो वर्ष पूर्व विश्व बैक योजना के तहत एफ़्को
कॉन्ट्रेक्शन को टेंडर देकर कार्य सौंप दिया गया है। जिसकी सड़क की लम्बाई
लगभग 92 किलोमीटर है। जब पूछा गया कि इस सड़क का काम की शुरूआत कब से हुई
तो मामले की सही जानकारी देने के बजाय टाल-मटोल कर जवाब देते हुये चुप्पी
साध गये।
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