वनरक्षक मौत मामलाःपुलिस की नजर में जहर ही है मौत का कारण,जांच अभी भी जारी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 16 जून 2017, 11:41 AM (IST)

मंडी। करसोग उपमंडल की कटांडा बीट में 9 जून को पेड़ पर लटके हुए पाए गए वन रक्षक होशियार सिंह की मौत का मामला अभी भी सुलझ नहीं पाया है। एक ओर परिजन व इलाके के लोग इसे सीधे सीधे हत्या बताकर भादंसं की धारा 302 को फिर से लगाने व सीबीआई से जांच करवाने की मांग पर अड़े हैं, वहीं सरकार ने पुलिस अधिकारी डीआईजी आसिफ जलाल को मंडी रेंज में खाली पड़े आईजी के पद पर तैनात करते हुए इस केस को जल्द से जल्द सुलझाने की जिम्मेदारी दी है। आसिफ जलाल सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर भी रह चुके हैं। अब तक हुई पुलिस कार्रवाई की जानकारी अपने कार्यालय में देते हुए डीआईजी आसिफ जलाल सहित पुलिस अधीक्षक प्रेम ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा व डीएसपी मुख्यालय हितेश लखनपाल ने बताया कि पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। लेकिन फिर भी जहर से ही मौत हुई है, इस बात से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा कसता है।

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पुलिस के अनुसार, मृतक होशियार सिंह के मोबाइल में दो सिम थी। आखिरी बार 5 जून को सुबह सवा 11 बजे ही इससे काॅल हुई है। चाचा परस राम के अनुसार इसमें दो जीबी का डॉटा कार्ड भी था जिसमें काफी सबूत मिल सकते हैं। ऐसे में इस कार्ड की डिटेल भी ली जा रही है। मोबाइल कंपनियों से यह डिटेल मांगी गई है कि जहां पर होशियार की लाख पेड़ पर लटकी मिली है, क्या वहां पर कोई सिग्नल की दिक्कत है। कहीं जहर का सेवन करने के बाद सिग्नल के लिए ही होशियार पेड़ पर तो नहीं चढ़ा और वहीं उसकी मौत होने से वह गिर कर पेड़ में फंस गया। पुलिस के अनुसार मोबाइल मृतक की जेब में ही मिला है। उसके पास से सेब पर छिडक़ाव में काम आने वाली हैमर दवाई की 100ml की शीशी मिली है जिसमें से 60ml बचा हुआ था।
पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह दवाई कहां से और कब खरीदी गई थी। लापता होने से पहले होशियार सिंह ने 4 जून की रात नानक चंद के पास काटी थी जबकि 5 जून की सुबह उसने अध्यापक पवन के साथ नाश्ता किया था। इनसे भी पूछताछ की गई है। मौत कब हुई इस बारे में डाॅक्टर्स की रिपोर्टों का हवाला देते हुए पुलिस ने बताया कि ठंडा इलाका होने व जहर की क्वालिटी के कारण यह भी हो सकता है कि उसने 5 जून को ही जहर का सेवन कर लिया हो जिसका असर धीरे धीरे हुआ हो, इसलिए और मृत शरीर भी ठंड के कारण पांचवें दिन तक सही सलामत बना रहा हो।

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पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि मृतक के शरीर के उपर व जरूरी अंगों पर ऐसा कोई भी निशान या सबूत नहीं पाया गया है जिससे यह लगे कि उसे मारा गया है। कलाई पर केवल रगड़ के निशान हैं जो किसी भी सामान्य स्थिति में लग जाते हैं। उलझन केवल उसके पेड़ पर चढक़र उल्टे लटके होने की है जिसे कई एंगल से जांच के तहत लाया गया है। सुसाईड नोट की लिखावट को भी जांच के लिए भेजा जा चुका है, उसका मिलान भी किया जाएगा। डीआईजी ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार दो वन कर्मियों व चार वन तस्करों का पुलिस रिमांड अदालत ने तीन दिन और बढ़ा दिया है। इधर, होशियार सिंह की मौत की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर जिला परिषद सदस्य जैवंती की अगुवाई में लोगों ने गुरूवार को छत्तरी में जोरदार प्रदर्शन किया।

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