ट्यूबलाइट ने शुरू की परम्परा:टॉकीज को लाभ,निर्माता को घाटा

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 जून 2017, 4:32 PM (IST)

ईद के मौके पर प्रदर्शित होने जा रही सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ से एक नई परम्परा की शुरूआत होने जा रही है। इस फिल्म के साथ दिखाये जाने वाली फिल्मों के ट्रेलर के लिए निर्माताओं को सिनेमाघरों को प्रति सप्ताह के हिसाब से पैसा देना होगा। प्रिंट में ट्रेलर इस तरह लगा दिया जाता है कि सिनेमा मालिक उसे निकाल नहीं पाए। पहले ट्रेलर अलग से भेजा जाता था, जिसे सिनेमा मालिक चाहे तो निकाल सकता था। अब वह इस तरह से चस्पा कर दिया जाता है कि उसे हटा नहीं सकते। ट्यूबलाइट पहली फिल्म है, जिसमें यह नई व्यवस्था लागू की गई है। अब सभी भव्य फिल्मों में यह नियम लागू होगा, जिससे निर्माता को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। सलमान खान ने अपनी फिल्म ट्यूबलाइट के साथ अजय देवगन की बादशाहो और शाहरुख खान की जब हैरी मेट सेजल का ट्रेलर चस्पा किया है, अन्य सभी कलाकारों की फिल्मों को अपना ट्रेलर जोडने के लिए 50 लाख रुपये खर्च करने होंगे। आम फिल्मों में यह राशि हर शो में ट्रेलर प्रदर्शित करने के लिए 35 से 45 लाख रुपये तक होती है जबकि सलमान की फिल्म में 50 लाख रुपये सप्ताह प्रति मल्टीप्लेक्स चेन तय है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

दरअसल ट्रेलर जोडने की दो प्रक्रिया हैं—एक है ट्रेलर लॉक करना, जिसमें फिल्म के नेगेटिव के साथ ट्रेलर जुडकर आता है। दूसरा है ट्रेलर जोडने का स्लॉट खरीदना। कुछ समय पहले तक एक फिल्म के साथ 4-5 ट्रेलर लॉक कर दिए जाते थे लेकिन अब मल्टीप्लेक्स मालिकों ने दो ट्रेलर लॉक करने की सख्त पॉलिसी बना दी है और शेष को पैसा देना होता है। सिंगल स्क्रीन में मुफ्त में या आपसी रिश्तों के चलते ही सभी ट्रेलर प्रदर्शित हो रहे हैं। रोचक तथ्य यह है कि जिस ट्रेलर को फिल्म के साथ जोडने के लिए कलाकार कई लाख रुपये खर्च कर रहे हैं, दर्शक के लिए ट्रेलर प्रसारण का वह समय पॉपकॉर्न खरीदने का होता है।

ये भी पढ़ें - सोनाक्षी के लिए ऋतिक ने कही बड़ी बात, हैरान रह गए सब