भावानगर/किन्नौर। सतलुज नदी में शनिवार को डूबे 19 वर्षीय युवक का शव खोज लिया गया है।सुन्दरनगर से आए गोताखोरों के दल ने कड़ी मश्क्कत के बाद डूबने वाले स्थान के समीप ही शव को ढूंढ निकाला। गौरतलब है कि शनिवार को महेश्वर (19), उसका छोटा भाई मोहित (17) व विशाल (15) सतलुज ग्रांउड के समीप नदी किनारे आए और तैरने लगे। तैरते हुए महेश्वर अकस्मात ही डूब गया जिसे ढूंढने के लिए शनिवार को आईटीबीपी, हिमाचल होम गार्डस, पुलिस, स्थानिय लोगों व विद्युत निर्माण में लगी जेएसडब्ल्यू के कर्मचारी एवं एसजेवीएनएल के तहत कार्य कर रहे ठेकेदार के कर्मचारियों ने काफी देर तक सर्च अभियान चलाया। परन्तु महेश्वर का कहीं कोई पता नहीं चल पाया इसलिए प्रशासन द्वारा सुन्दरनगर से गोताखोरों को बुलाया गया था। गोताखोरों ने दिन को करीब अढ़ाई बजे महेश्वर के शव को सतलुज में ढूंढ निकाला। गोताखोरों ने बताया कि शव करीब बीस-पच्चीस फीट की गहराई में चट्टानों के बीच फंसा था।
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कई बार हो चुकी हैं ऐसी घटना, ट्रेंड गोताखोर की मांग ...
किन्नौर में इस प्रकार की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। पहले भी कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने पर सतलुज नदी में समाए हैं व सवारों को ढूंढने के लिए कड़ी मश्क्कत करनी पड़ी है। कई बार तो शव भी बरामद नहीं हो पाते। हैरानी की बात है कि क्षेत्र में कई निजी व सरकारी विद्युत परियोजनांए व बांध हैं परन्तु कहीं भी ट्रेंड गोताखोर नहीं हैं। ऐसे में हर बार बाहर से गोताखोरों को बुलाना पड़ता है जिसमें काफी समय लग जाता है। जिले में चार प्रमुख बांध हैं जिसमें बोट तो है परन्तु गोताखोर नहीं हैं। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि सभी परियोजनाओं में बोट के साथ-साथ कुशल गोताखोरों की भी व्यवस्था की जाए जिससे अकस्मात होने वाली घटनाओं के समय त्वरित कार्यवाही की जा सके।
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