HC के मुंशी रहे आबिद ने दी थी हाईकोर्ट उड़ाने की धमकी, CCTV से हुई पहचान

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 10 जून 2017, 5:56 PM (IST)

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी देने वाले सख्श की पहचान हो गई है। युवक की धर पकड़ के लिए पुलिस की कई टीमों ने उसके घर की घेराबंदी की। लेकिन युवक पहले ही घर छोड़कर फरार हो गया। अलबत्ता उसके कमरे से कुछ जले हुए कागज व एक अधजला धमकी भरा खत मिला है। क्राइम ब्रांच ने सीसीटीवी फुटेज के सहारे धमकी भरा खत रखने वाले युवक की पहचान की है। युवक पूर्व में बतौर मुंशी हाईकोर्ट में ही काम कर रहा था। कुछ साल पहले पुलिस ने उसे एडीपीएस एक्ट में जेल भी भेजा था। यह सख्श इलाहाबाद के सादियाबाद का रहने वाला है, जिसका नाम आबिद है। आबिद के भाई शाहिद अली हाईकोर्ट में वकील हैं। जबकि पिता वाहिद अली जिला जज के रिटायर्ड पेशकार हैं।

आबिद के लिंक कहां ? खुलेंगे राज
मामले में खूफिया तंत्र सक्रिय हुआ और आबिद की जन्मकुंडली तलाशने लगा तो पता चला उसका संपर्क साधारण लोगों से नहीं था। उसकी चाल चलन गैरकानूनी होने के चलते ही आबिद के भाई शाहिद अली ने उसे मुंशी पद से हटा दिया था। पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में यह नहीं पता चल सका है कि आबिद के लिंक कहां-कहां हैं। उसने खत रखा हैंं यह बात तो सीसीटीवी फुटेज में साफ हो गई है। लेकिन किसके कहने पर धमकी भरा खत दिया। यह अभी रहस्य बना हुआ है। उसके मोबाइल की काॅल डिटेल निकलवायी गयी है। मोबाइल की लोकेशन भी ट्रेस की जा रही है। जिसके सहारे पुलिस की कई टीमें आबिद की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही हैं। पुलिस ने आबिद के पिता वाहिद अली से थाने में कई घंटे पूछताछ की। देर शाम उन्हे लंबी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस जांच में यह भी पता चला कि गेट नंबर तीन से ही वकील व मुंशी आदि प्रवेश करते हैं। ऐसे में आबिद पूर्व में बने पास के आधार पर ही हाईकोर्ट के अंदर आता जाता है। गुरुवार को भी उसने उसी पास के सहारे कोर्ट में इंट्री ली फिर वापस लौटते समय उसने हाईकोर्ट उड़ाने की धमकी भरा खत फेंका।

क्या बोले एसएसपी

मामले में पुलिस कप्तान आनंद कुलकर्णी ने बताया कि हाईकोर्ट की सुरक्षा पूरी तरह से हाई सिक्योरिटी जोन में है। उसमे चूक होने का सवाल ही नहीं है। जांच में स्पष्ट हो चुका है कि धमकी भरा पत्र आबिद ने ही गेट नंबर तीन पर रखा था। आरोपी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा। उसके बैकग्राउंड की हर बात खंगाली जा रही है। वह किससे मिलता था, किससे बात करता था और किसके संपर्क में था ? इन सारे सवालों के जवाब के लिये सुरक्षा यूनिटें काम कर रही है।

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परिजनों से जो जानकारी मिली है उसे भी वैरीफाई किया जा रहा है। क्योंकि परिजनों का कहना है कि आबिद की दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसी वजह से अभी तक मुकदमा नहीं लिखा गया है। लेकिन जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी और कार्रवाई होगी।

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