यह नदी उगलती हैं सोना, निकालने वालों की रहती है भीड

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 07 जून 2017, 2:10 PM (IST)

नई दिल्ली। नदियां सभी को पानी देती है। आज भी कई इलाकों में नहाने से लेकर पीना का पानी भी नदियों से ही प्राप्त करते है। लेकिन अपने देश में एक जगह ऐसी भी है जहां नदियां बरसात के दिनों में सोना उगलती है और यहां के लोगों को बाढ आने का इंतजार रहता है।

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर इलाके के कुछ गांवों के लोगों को हर साल मानसून में सोना मिलता है। यह जानकर आप भी अंचभित हो जाएंगे, लेकिन यह भी एक सच्चाई है। यह सोना उन्हें कोई देने नहीं आता है बल्कि यह धातु नदियां उगलती हैं।

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बताया जाता है कि ये नदियां बलुई, कापन और सोनहा हैं जो हर साल अपने साथ सोना बहाकर लाती हैं। इनके पानी से सोना छानकर इन गांवों के लोग साल भर की रोजी-रोटी का जुगाड़ कर लेते हैं। लेकिन यह काम इतना आसान नहीं होता है। बिहार में मानसून के समय बाढ़ हमेशा बड़ी समस्या रही है। ये नदियां भी इस मौसम में खूब उफनाती हैं। गांव के लोग बाढ़ कम होने का इंतजार करते हैं जब पानी कम हो जाता है तो कुछ खास उपकरणों के साथ नदी में उतर जाते हैं और वह नदियों द्वारा बहाकर लाई बालू और कणों को छानकर सोने के कण निकालते हैं फिर उसे बाजार में बेचते हैं।

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आपको सुनकर यह जरूर हैरत में डाल रहा होगा लेकिन यह काम इन इलाकों में काफी सालों से होता आया है। पहाड़ी नदियों से सोना निकालने का काम आदिवासी कई पीढिय़ों से कर रहे हैं। कई बार ऐसा होता भी कि लोग दिन भर बालू और कणों को छानते रहते हैं लेकिन हाथ भी कुछ भी नहीं आता है।

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