गैंगरेप के बाद मासूम बेटी का शव छाती से चिपकाए मेट्रो में भटकती रही पीडि़ता

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 07 जून 2017, 12:38 PM (IST)

गुडग़ांव। 30 मई की सुबह जब हजारों यात्री येलो और वायलट लाइन मेट्रो में अपनी-अपनी मंजिलों की तरफ जा रहे थे, उसी वक्त 19 साल की मानेसर रेप पीडि़ता अपनी 8 माह की मृत बच्ची को गोद में लिए मेट्रो से डॉक्टर के पास जा रही थी, इस उम्मीद में कि शायद बच्ची की जान बच जाए। महिला ने बताया कि वह अपनी बच्ची का शव लेकर 7 घंटे तक भटकती रही। अगर उसे समय से इलाज मिलता तो वह बच जाती।
इससे एक रात पहले महिला जिस बर्बरता का शिकार हुई थी वह अकल्पनीय था। पड़ोसियों से झगड़े के बाद अपने मायके जा रही महिला जिस ऑटो में सवार हुई उसने उसकी जिंदगी एक रात में ही बदल दी। ऑटो में पहले से बैठे दो शख्स और ड्राइवर ने महिला को एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसका गैंगरेप किया और उनमें से ही एक ने छोटी सी बच्ची को सडक़ पर फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। रात के अंधेरे में 2 बजे जब तीनों दरिंदे फरार हो गए तब वहां ऐसा कोई भी नहीं दिखा जिससे महिला मदद मांग सके। महिला ने अपनी बेजान बच्ची को बाहों में भरे सुबह होने का इंतजार किया। सुबह महिला को अपने ससुरालवालों के पास ओल्ड गुडग़ांव जाने के लिए एक ऑटो मिला। यहीं एक डॉक्टर ने महिला को बताया कि उसकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है। महिला को डॉक्टर की कही बात पर भरोसा नहीं हुआ और वह अपने ससुर के साथ तुगलकाबाद के लिए निकली, जहां उसके माता-पिता रहते हैं। दोनों मेट्रो में सवार हुए और दूसरे डॉक्टर के पास पहुंचे लेकिन उस डॉक्टर ने भी मासूम को मृत करार दिया। बच्ची के शव को सीने से लगाए, महिला गुडग़ांव वापस आई, लेकिन इस बार पुलिस केस दर्ज कराने। वह एमजी रोड मेट्रो स्टेशन पर उतरी जहां पीडि़त महिला का पति और पुलिस इंतजार कर रहे थे।
आरोपियों का सुराग नहीं, पुलिस ने जारी किया दरिंदों का स्केच

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पुलिस को अभी तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला है। मामले में एसआईटी का गठन किया गया है। केस में लापरवाही मिलने पर एक लेडी पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड भी किया गया है। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर एसीपी मानेसर को एसआईटी का हेड बनाया गया है। मंगलवार को पुलिस की टीम खेडक़ीदौला टोल पर सीसीटीवी खंगालती रही। इसके अलावा एक टीम बादशाहपुर थाना एरिया के एक गांव रवाना हुई। इस गांव से ऑटो चालकों के लिंक जुड़ रहे हैं। पीडि़ता का आरोप है कि पुलिस ने बच्ची की मौत का मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन गैंगरेप की बात को दबा दिया। देर शाम मानेसर थाने में तैनात एसआई सुमन बाला को सस्पेंड कर दिया गया।

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