मध्य प्रदेश:किसान आंदोलन में सियासत

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 05 जून 2017, 9:50 PM (IST)

भोपाल। मध्य प्रदेश में 1 से 10 जून तक आहुत किसानों की हडताल में सियासत हावी हो गई है। आरएसएस से जुडे भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वार्ता के बाद आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है लेकिन आंदोलन में अगुआ भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोडने का ऎलान किया है।
उज्जैन में बैठक के बाद तय हुआ कि किसान कृषि उपज मंडी में जो उत्पाद बेचते हैं, उनका 50 फीसदी उन्हें नकद मिलेगा जबकि 50 फीसदी आरटीजीएस के जरिए यानी सीधा उनके बैंक खाते में आएगा। ये भी तय हुआ कि मूंग की फसल को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। किसानों का प्याज 8 रूपए प्रति किलो की सरकारी दर से अगले तीन-चार दिनों में खरीदा जाएगा। सब्जी मंडियों में किसानों को ज्यादा आढत देनी पडती है, इसे रोकने के लिए सब्जी मंडियों को मंडी अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। फसल बीमा योजना को ऎच्छिक बनाने और किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को भी वापस लेने का भी फैसला हुआ।

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बैठक के बाद भारतीय किसान संघ के शिवकांत दीक्षित ने घोषणा की कि चूंकि सरकार ने उनकी सारी बातें मान ली हैं इसलिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने इस समझौते की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार इस आंदोलन से घबराकर ऎसे हथकंडे अपना रही है, वहीं भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि हडताल उनके संगठन ने शुरू की थी और खत्म भी वही करेंगे।

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