निजी चिकित्सालयों में भी मिलेगा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का लाभ

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 29 मई 2017, 10:43 PM (IST)

जयपुर। प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रैफर किये गये बच्चों के त्वरित उपचार के लिए निजी चिकित्सालयों को जोड़ने के नए प्रावधान किये जा रहे हैं। इनके तहत प्रक्रिया को सरल बनाकर केन्द्र सरकार से स्वीकृत दरों पर निर्धारित उपचार पैकेज उपलब्ध कराने के लिए सहमत अधिक से अधिक निजी चिकित्सालयों को आरबीएसके से सम्बद्ध किया जायेगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि इन प्रावधानों के लागू करने से आरबीएसके के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों व राजकीय विद्यालयों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद जटिल रोगों से ग्रस्त बच्चों को अब अपने उपचार के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। इन बच्चों को जिलास्तर पर ही यथाशीघ्र उपचार उपलब्ध कराने के लिए अधिक से अधिक निजी चिकित्सालयों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जायेगा।

486 मोबाइल हैल्थ टीमों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वास्थ्य जांच


स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने सोमवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम दो दिवसीय कार्यशाला में समीक्षा की एवं आवशयक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विद्यालयों में अवकाश के दौरान इस समय आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सघन स्वास्थ्य जांच की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। इस समय त्रैमास अभियान के तहत 486 मोबाइल हैल्थ टीमों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है।
जैन ने बताया कि आरबीएसके के तहत हृदय रोग के 584, तालू-कटे फटे होंट समस्या के 384, क्लब फूट के 177, द्वष्टि दोष संबंधी 2654, मोतियाबिंद के 113 व दंत रोग संबंधी 3462 बच्चों सहित अन्य रोगों के लगभग 460 बच्चों की विभिन्न राजकीय व निजी चिकित्सालयों में निशुल्क सर्जरी की जा चुकी है।

कुपोषित बच्चों को एम्बूलेंस से एमटीसी भिजवायें

मिशन निदेशक ने चिन्हित अति कुपोषित बच्चों के परिजनों को आवश्यक परामर्ष व कुपोषण उपचार केन्द्र की जानकारी देने के साथ ही कुपोषण उपचार हेतु प्रेरित करने के निर्देष दिये। उन्होंने चिन्हित अति कुपोषित बच्चों को उपचार के लिए 104 जननी एक्सप्रेस एम्बूलेंस से कुपोषण उपचार केन्द्र भिजवाया जाना सुनिष्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने विभिन्न बीमारियों से ग्रसित बच्चों का नियमित रूप से जिलास्तर से गंभीरतापूर्वक फालोअप करने के निर्देष दिये।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे