पटना। सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दो टूक कहा कि वे जब तक
कुर्सी पर रहेंगे बिहार में शराब पीने वाले या उसके अवैध कारोबार में लगे
लोगों को छोडने वाले नहीं हैं। नीतीश ने पटना में एक निजी अस्पताल के
कार्यक्रम में कहा कि हम छोडने वाले नहीं हैं, बाकी ऊपर वाले के हाथ में
है, सब उसी के नियंत्रण में है।
इस कार्यक्रम में नीतीश ने अपने भाषण में माना कि पिछले दिनों पटना पुलिस
के एक दारोगा ने वक्तव्य दिया था कि थाने में रखी अधिकांश शराब चूहे पी गए।
इस बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर देश-विदेश तक सभी जगह राज्य सरकार की
जमकर किरकिरी हुई। इसके बाद उन्होंने न केवल थानों में रखी शराब को नष्ट
करने का आदेश दिया बल्कि पुलिस को भी शराब के अवैध कारोबार में लगे लोगों
के खिलाफ अभियान तेज करने का निर्देश दिया।
नीतीश ने कहा कि अब पुलिस को शराब का स्टॉक जब्त करने के पहले कोर्ट के लिए
सैंपल सबूत के तौर पर रखना होगा और उसके बाद जब्त शराब को तुरंत नष्ट
करना होगा। राज्य में पिछले एक साल के दौरान नौ लाख लीटर शराब जब्त की गई।
हर जिले में पुलिस इसे नष्ट कर रही है।
इसबीच सोमवार को सुप्रीमकोर्ट ने राज्य के शराब के कारोबारियों के आग्रह को
मानते हुए उन्हें अपना स्टॉक 31 जुलाई तक हटाने की मोहलत दी है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य में शराबबंदी के बाबजूद शराब की सर्वत्र उपलब्धता पर नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीने वाले ही ऎसा हल्ला भी करते हैं। नीतीश ने यह स्वीकार करते हुए कि शराब की होम डिलीवरी भी हो रही है, चेतावनी दी कि यह होम डिलीवरी वाले ग्राहक ही सबसे ज्यादा शराब बंदी की विफलता पर हल्ला मचा रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में किसी को छो़डा नहीं जाएगा।
बताते चलें,राज्य में शराब की खरीद-बिक्री के अवैध धंधे में आला पुलिस अधिकारी से लेकर पुलिस के आम जवान तक लगे हैं। राज्य सरकार ने अब तक जिलों में पुलिस बल हो या शराब पीने वाले, उनकी मेडिकल जांच के लिए पर्याप्त संख्या में किट उपलब्ध कराए हैं।
ये भी पढ़ें - सैंकड़ों सालों से सीना ताने खड़ा है सोनार