आर्मी चीफ बोले- पत्थरबाज गोलियां चलाएं तो खुशी होगी, फिर हम..

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 29 मई 2017, 10:59 AM (IST)

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने युवा अधिकारी द्वारा कश्मीरी व्यक्ति का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में किए जाने का पुरजोर बचाव करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना घृणित युद्ध का सामना कर रही है, जिसे नए तरीके से लडऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य बल के युवा अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना था जो आतंकवाद प्रभावित राज्य में बहुत मुश्किल परिस्थितियों में काम करते हैं। गोगोई के खिलाफ इस मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वारी जारी है।
रावत ने कहा कि यह क्षद्म युद्ध है और क्षद्म युद्ध घृणित लड़ाई होती है। इसे घृणित तरीके से अंजाम दिया जाता है। संघर्ष के नियम तब लागू होते हैं जब विरोधी पक्ष आपसे आमने सामने लड़ता है। यह घृणित युद्ध है ऐसे समय में नए तरीकों का जन्म होता है। आप नए तरीकों से घृणित युद्ध लड़ते हैं। बता दें कि पिछले महीने एक व्यक्ति को सेना की जीप से बांधने और पथराव करने वालों के खिलाफ उसका इस्तेमाल मानव कवच के रूप में करने वाले गोगोई को सेना प्रमुख ने सम्मानित किया था, जिसकी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कश्मीरी समूहों और सेना के कुछ सेवानिवृत्त जनरलों ने आलोचना की थी। कश्मीरी व्यक्ति के मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया था और बड़ी संख्या में लोग इस घटना की निंदा कर रहे थे।

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जनरल रावत ने कहा कि लोग हम पर पथराव कर रहे हैं, पेट्रोल बम फेंक रहे हैं। ऐसे में जब मेरे कर्मी मुझसे पूछते है कि हम क्या करें तो क्या मुझे यह कहना चाहिए कि बस इंतजार करिए और जान दे दीजिए, मैं राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक अच्छा ताबूत लेकर आऊंगा और सम्मान के साथ शव को आपके घर भेजूंगा। प्रमुख के तौर पर क्या मुझे यह कहना चाहिए? मुझे वहां तैनात सैनिकों को मनोबल बनाए रखना है।

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