बीकानेर।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का उद्घोष सही मायने में बीकानेर के नवीन आचार्य ने
समझा और आत्मसात किया और उस पर रच दिखाया नवगीत "ये बेटियां" गुलिस्तां। इस
गीत को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से नवाचार के साथ बेटियों को
समर्पित रहेगा।
पुष्करणा स्टेडियम बीकानेर में शाम 6 बजे
नया सवेरा होगा। बेटियों की महत्ता को नए अंदाज,दिलकश दृश्यों और सरगम की
लहरों पर देखा-सुना जा सकेगा। जी बात संगीत-कला-साहित्य और सामाजिक
सरोकारों के प्रति समर्पित बीकानेर और यहां माटी की सुगंध देश विदेश में
फैलाने के जज्बे की करें तो युवा प्रतिभा नवीन आचार्य ने नगर और अपने
परिवार की परंपरा को गौरवान्वित करने के लिए कदमताल तेज कर दी है।
इस समाज
एवं राष्ट्रहित के कार्य में सरकार ने भले ही नवीन और कला व कलाकारों की
अनसुनी की हो मगर बीकाणा के लाल ने जुनून क्या होता है यह बता दिया है। और
इस कार्य में न केवल राष्ट्रस्तरीय सात मशहूर युवा कलाकार स्टेडियम में
मौजूद रहेंगे बल्कि बड़ी संख्या में बीकानेरियन अपने नवीन आचार्य की
हौसला अफजाई करेंगे। आयोजन में प्रवेश निशुल्क रखा गया है। इस बारे में नवीन
ने होटल वृंदावन में संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान अपनी बात साझा की।
देश
में घटना लिंगानुपात सभी के लिए चिंता का विषय है तभी तो केंद्र की मोदी
सरकार और राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को
लेकर अभियान चलाया जा रहा है लेकिन ये अभियान बीकानेर के जाए जन्मे नवीन
आचार्य द्वारा रचे गीत च्ये बेटियांज् को सरकारी स्तर पर किसी भी प्रकार का
सहयोग नहीं मिला।
पत्रकार सम्मेलन में नवीन आचार्य ने
ख्यातनाम हास्य कलाकार ख्याली, मिथिला पुरोहित के साथ पत्रकारों को बताया
कि पुत्र जन्म की कामना की जाती है इतना ही नहीं कन्या जन्म के प्रति बहुत
सारी मिथ्या धारणाएं बन चुकी है। जरुरत है कि समाज में बेटियों को बचाया
जाए और इस दिशा में हर जागरुक व्यक्ति को अपने स्तर पर प्रयास करना होगा। उन्होंने बेटी बचाओ मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के गीत
लिखा और गाया है।
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