IPL में जिन खिलाडिय़ों की धार हुई पैनी, उनसे जगी उम्मीद

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 22 मई 2017, 8:04 PM (IST)

नई दिल्ली। दुनिया की सबसे लोकप्रिय लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खुमार खत्म हुआ। लीग के 10वें संस्करण की विजेता मुंबई इंडियंस बनी। करीब एक महीने तक चले इस हार-जीत के सिलसिले के बीच कई खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और अपनी धार को बेहतर करते हुए सुनहरे भविष्य की उम्मीद जताई।

जिन खिलाडिय़ों से उम्मीद जगी है उनमें जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत, संजू सैमसन, जयदेव उनादकट और हार्दिक पांड्या के नाम सबसे आगे हैं। ऐसा नहीं है कि यह खिलाड़ी आईपीएल में पहली बार खेले हों और अच्छा प्रदर्शन किया हो। सैमसन को छोडक़र सभी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं और वहां तक पहुंचने में इनके आईपीएल के बीते संस्करणों के प्रदर्शन का हाथ रहा है।


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इस संस्करण में इन खिलाडिय़ों ने साबित किया उन्होंने अपनी धार पैनी की है और वे खेल के प्रति पहले से ज्यादा परिपक्व हुए हैं। बुमराह पहले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अहमियत साबित कर चुके हैं। उन्हें डेथ ओवरों का विशेषज्ञ माना जाने लगा है। उनकी यह दक्षता संभवत: मुंबई इंडियंस के ड्रेसिंग रूम में 2013 से लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन जैसे गेंदबाजों के साथ बिताए गए समय का नतीजा है। इस संस्करण में उन्होंने अपनी धार को और पैना किया है। वह भारत के अग्रणी तेज गेंदबाज के रूप में उभर कर सामने आए हैं। उन्होंने 16 मैचों में 20 विकेट हासिल किए। लेकिन अंतिम ओवरों में उन्होंने जिस तरह की गेंदबाजी इस संस्करण में की है उससे पता चलता है कि उनमें परिपक्वता आई है।

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दिल्ली डेयरडेविल्स के प्रदर्शन में इस आईपीएल में भी कोई सुधार नहीं देखा गया। लेकिन पंत ने जिस परिपक्वता से बल्लेबाजी की उसने सभी के मुंह से उनके लिए तारीफें बटोरी। राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में पंत एक उम्दा और पूर्ण बल्लेबाज के रूप में उभर कर सामने आए। इसकी झलक इस आईपीएल में दिखी। इस संस्करण में 14 मैचों में 26.14 की औसत से उनके बल्ले से 366 रन निकले। गुजरात लायंस के खिलाफ 207 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 97 रनों की उनकी पारी ने उन्हें अलग मुकाम दिया।

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इसी टीम के एक और बल्लेबाज सैमसन ने भी अपने खेल को नई दिशा दी है। राजस्थान रॉयल्स से खेलते हुए नजरों में आने वाले सैमसन को हालांकि अभी तक राष्ट्रीय टीम के आमंत्रण का इंतजार है लेकिन इस युवा प्रतिभा ने अपने खेल में लागातार सुधार किया। इस संस्करण में उन्होंने 14 मैचों में 386 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल है।

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पुणे को फाइनल में पहुंचाने में जयेदव उनादकट ने भी अहम भूमिका निभाई। इस आईपीएल में उनादकट ने 12 मैचों में 24 विकेट हासिल किए। ऐसा नहीं है कि उनादकट पहली बार आईपीएल में खेल रहे हों। पुणे से पहले वह विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और गौतम गंभीर की कप्तानी वाली कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेल चुके हैं। लेकिन कम मौकों और कप्तानों का समर्थन न मिलने से वह अपनी प्रतिभा दिखा नहीं पाए। पुणे के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और फिर मौकों के साथ समर्थन भी दिया। नतीजा सामने है। राष्ट्रीय टीम के लिए एक टेस्ट मैच और सात एकदिवसीय मैच खेलने वाले उनादकट ने एक बार फिर अपने इस प्रदर्शन से राष्ट्रीय टीम के दरवाजे पर दस्तक दी है।

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पिछले संस्करण में बेहतरीन प्रदर्शन का इनाम हार्दिक को राष्ट्रीय टीम में चयन के रूप में मिला था, जिसे उन्होंने काफी हद तक सही ठहराया। इस संस्करण में हार्दिक ने और बेहतर प्रदर्शन किया और फिनिशर की भूमिका में नजर आए जिसकी जरूरत राष्ट्रीय टीम में है। हार्दिक ने इस संस्करण में 17 मैचों में 35.71 की औसत से 250 रन बनाए हैं। अंत के ओवरों में उन्होंने कई बार टीम के लिए अहम रन तेजी से जोड़े। गेंद से उन्होंने 17 मैचों में छह विकेट लिए।

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