गांधी स्मारक भवन में गांधी प्रतिमा का अनावरण

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 20 मई 2017, 11:39 PM (IST)

चण्डीगढ़। राज्यपाल प्रो कप्तान सिंह सोलंकी ने शनिवार को गांधी स्मारक भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। इससे पहले उन्होंने गांधी स्मारक भवन के प्रागण में पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि गांधीजी की इस प्रतिमा से उनके सिद्धांतों को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि गांधी जी भारत की आत्मा, भारत की पहचान हैं। वे केवल भारत के नहीं पूरे विश्व के, पूरी मानवता के हैं। वे युग प्रवर्तक थे, जो आने वाली पीढियों की सोचता है। राज्यपाल ने कहा कि राजनेता और युगप्रवर्तक में यही अन्तर होता है। राजनेता केवल अगले चुनाव तक की सोचता है, जबकि युगप्रवर्तक पीढ़ियों के हित की सोच रखता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी की सोच ही वहां से शुरू होती है, जहां राजनीति समाप्त हो जाती है। इसलिए वे मानवमात्र के चिंतक थे। प्रो सोलंकी ने कहा कि 21वीं सदी की समस्याओं का समाधान गांधी जी के दर्शन में ही मिलता है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने देश को आजाद कराने के लिए अपने आंदोलन से देश के व्यक्ति को जोड़ा और सफलता पाई। आज भी यदि उनके दर्शन से देश के युवाओं को जोड़ दिया जाएगा तो देश को जैसे व्यक्तियों की जरूरत है, वैसे व्यक्ति बन जाएंगे। उन्होंने गांधी स्मारक निधि के कार्यों की प्रशंसा भी की। साथ ही गांधी स्मारक भवन को अपने स्वैच्छिक कोष से दस लाख रुपए देने की घोषणा की। इससे पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि गांधी जी पूरे विश्व के नेता हैं, इसीलिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिवस को विश्व अहिंसा दिवस घोषित किया है। गांधीजी की ओर से दक्षिण अफ्रीका में किए गए कार्यों का विवरण देते हुए उन्होंने नेल्सन मंडेला के उस कथन का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका को मोहनदास कर्मचन्द गांधी दिया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने भारत को महात्मा दिया। गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष के के शारदा ने कहा कि हमने गांधी जी की प्रतिमा के अनावरण का समय आज का दिन इसलिए चुना, क्योंकि आज ही के दिन 1915 में गांधी जी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की थी। साथ ही संगठन के कार्यों की जानकारी भी उन्होंने सबके सामने रखी।

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