डेढ़ साल में एक ही परिवार के तीन लोगों की टीबी से मौत

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 20 मई 2017, 8:02 PM (IST)

सुल्तानपुर। यहां डेढ़ साल में टीबी रोग से ग्रस्त होकर एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि एक किशोरी इस रोग से जूझते हुए जिंदगी और मौत के बीच जा खड़ी हुई है। मामले के प्रकाश में आने के बाद जहां महकमे की लापरवाही उजागर हुई है वहीं टीबी की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया क़दम बेअसर होता दिखाई दे रहा है।

4 बच्चों को पाल रही 70 वर्षीय दादी
ताजा मामला लम्भुआ तहसील के शेषनपुर गांव का है जहां सबसे पहले 19 दिसम्बर 2015 को अनीता पाल (30) पत्नी रंजीत पाल ने टीबी रोग के चलते मौत को गले लगाया था। इस हादसे को बीते 10 महीने भी नहीं हुए थे कि 20 अक्टूबर 2016 को पति रंजीत (35) ने भी इसी रोग के चलते दम तोड़ दिया। इसके बाद चार बच्चों के सर से मां-बाप का साया छिन गया। अब घर में बची 70 वर्षीय बूढ़ी मां रंजीत के चार बच्चों वंशिका )12) विपिन (10) अतुल (8) और नितिन (5) को जैसे तैसे पाल रही है।

भाई की मौत, बहन अब भी ग्रस्त
इसी क्रम में रंजीत के बड़े भाई हृदय लाल पाल के 16 वर्षीय पुत्र मुकेश पाल ने हाल ही में डेढ़ माह पूर्व इसी रोग से ग्रस्त होकर दम तोड़ दिया। अब इसी पिता की 15 वर्षीय बेटी इस रोग के कारण जिंदगी और मौत से जूझ रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जुड़े महकमे के अधिकारी और कर्मचारी अब तक यहां नहीं पहुंच सके हैं।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

सीएमओ ने रोकथाम के बताए ये फायदे
उधर इस मामले पर सीएमओ डा. आर. के. चौधरी ने कहा कि टीबी अब जानलेवा रोग नहीं रहा है, बल्कि इसकी रोकथाम के व्यापक प्रबंध मौजूद है। उन्होंने बताया कि टीबी की जांच और दवा निःशुल्क मौजूद है, और इसके प्रचार और प्रसार एवं बचाव के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं। साथ ही जो कोई टीबी रोग से ग्रस्त हैं उन्हें चाहिए कि खांसी आने पर मुंह पर कपड़ा रखें, ठंडी चीज़ों का इस्तेमाल न करें।

ये भी पढ़ें - श्मशान में सजी महफिल, बार-बालाओं ने लगाए ठुमके