मूर्खों के स्वर्ग में रहना चाहते हैं घनश्याम तिवाड़ी- - राजेंद्र राठौड़

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 20 मई 2017, 5:34 PM (IST)

जयपुर। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़, सामाजिक न्याय मंत्री अरुण चतुर्वेदी और सांसद निहालचंद मेघवाल ने कहा है कि विधायक घनश्याम तिवाड़ी उसी डाल पर आरी चलाते हैं जिस पर वे उम्र भर बैठते आये हैं, लेकिन वे अपने मनसूबों मे कभी कामयाब नहीं हुए। इनके तमाम षड़यंत्रों के बावजूद मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी और लोेकसभा की सभी 25 सीटें जीतकर देश में मोदी जी की सरकार बनाएंगे।
चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी की यही फितरत है। जिन स्व. भैरोसिंह शेखावत ने तिवाड़ी को राजनीति का ककहरा सिखाया। वे उनको भी आंख दिखाने से बाज नहीं आये। भैरोसिंह के खिलाफ भी तिवाड़ी ने षडयंत्र रचा था। चौमूं से 1998 में रिकॉर्ड मतों से हारने वाले तिवाड़ी को 2003 के चुनाव में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से टिकट दिया और जीताकर मंत्री बनाया। आज मंत्री नहीं बनाया तो उन्हें मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे खराब लगने लगी।
ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि घनश्याम तिवाड़ी मुगालते में हैं। स्वयं को पार्टी से बड़ा समझतेे हैं। उन्होंने केन्द्रीय नेतृत्व के खिलाफ नोटिस के जवाब में जो जहर उगला है वैसी भाषा पार्टी के समझदार व जिम्मेदार कार्यकर्ता की नहीं हो सकती। लगता है वे ’मूर्खों के स्वर्ग’ में रहना चाहते हैं, रहें, उनकी मर्जी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा का जो मंत्रिमंडल तिवाड़ी को चापलूस नजर आ रहा है कभी वे भी उसी के सदस्य थे। मंत्री नहीं बनाये जाने से तिवाड़ी हताश होकर संगठन के विरोध में खड़े हो गये हैं। कालीदास जिस डाल पर बैठे थे, उसे ही काट रहे थे लेकिन बाद में उन्हें ज्ञान हो गया था। तिवाड़ी तो कलियुगी कालिदास है, जिन्हें कभी ज्ञान प्राप्त होगा ये भी संदिग्ध है।
सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि अहंकार की पराकाष्ठा और व्यक्तिवाद में आकण्ठ डूबे तिवाड़ी को संगठन और विचारधारा की अहमियत पता नहीं है। इसीलिये वे यदि उन्होंने दीनदयाल जी के जीवन को समझा होता तो अपने आपको वे सर्वोच्च समझकर अपनी ही पार्टी पर हमला नहीं करते। तिवाड़ी संगठन के प्रति ईमानदार होते तो पत्र को सार्वजनिक करके संगठन को ठेस नहीं पहुंचाते। वे ’सिर्फ मैं ही सही बाकी सब गलत’ के सिद्धान्त पर चल रहे हैं। उनका कहना कि ’ऐसा जवाब दूंगा कि जवाब मांगने वाले भूल जाएंगे’ यह सीधे-सीधे राष्ट्रीय नेतृत्व को चुनौती है।
बीजेपी सांसद निहालचंद मेघवाल ने कहा कि तिवाड़ी मेरे कंधे पर बंदूक ना रखें। मेरे और अन्य सांसदों के बारे में जो उन्होंने कहा है वह सरासर झूठ है। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने हमेशा मेरा साथ दिया है। तिवाड़ी की ये कुंठित मानसिकता है।

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