नई दिल्ली। केंद्र सरकार जनता की जेब से पैसे खींचने के लिए और एक कदम
उठाने पर विचार कर रही है। सरकार अब सामान्य श्रेणी के रेल टिकटों पर
सुरक्षा कर लगाने जा रही है। सरकार तय किराए पर 2 फीसदी अतिरिक्त सेफ्टी
टैक्स वसूलेगी। इस फंड का इस्तेमाल रेल सुरक्षा पर किया जाएगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है,हमें रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा के
लिए सेफ्टी फंड तैयार करना होगा और हमें उम्मीद है कि इसमें आम जनमानस
सहयोग करेगा। इस बारे में हिन्दुस्तान टाइम्स की रपट के मुताबिक रेलवे के
94 फीसदी यात्री सामान्य टिकट यानी गैर आरक्षित श्रेणी में सफर करते हैं।
पिछले कुछ साल में एसी-1 और एसी-2 श्रेणी के रेल किराए में क्रमश:वृदि्ध
होती रही है लेकिन अब तक सामान्य श्रेणी के गैर आरक्षित और उपनगरीय ट्रेनों
के किराए में बढोत्तरी नहीं हुई थी।
केंद्र सरकार के पूर्ण नियंत्रण वाले भारतीय रेल पर फिलहाल 32 हजार करोड
रूपए का बोझ है जो बढता ही जा रहा है। रेलवे का परिचालन खर्च सबसे ज्यादा
है। रेलवे की इस नई पहल से मौजूदा वित्तीय वर्ष में 5000 करोड रूपए की
अतिरिक्त आय के आसार हैं। यह रकम रेलवे की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होगी।
2017 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इसी रेलवे सेफ्टी फंड की चर्चा की
थी।
बता दें,केंद्र सरकार ने अगले पांच साल में एक लाख करोड रूपए का स्पेशल
सेफ्टी फंड बनाने का फैसला किया है। इस फंड के जरिए रेलवे ट्रैक और सिग्नल
सिस्टम के समुन्नयन के अलावा मानवरहित फाटकों को खत्म करने का काम किया
जाना है। यानी हर साल सरकार इन पर बीस हजार करोड रूपए खर्च करेगी।
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रेलवे को राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष में केंद्र सरकार की तरफ से 15 हजार करोड रूपए मिले हैं। इनमें से 10 हजार करोड रूपए सेंट्रल रोड फंड से और 5 हजार करोड रूपए वित्त मंत्रालय से मिले हैं जबकि शेष 5 हजार करोड रूपए रेलवे को आंतरिक संसाधनों से जुटाने को कहा गया था। माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर रेलवे ने टिकटों पर दो फीसदी सेस लगाने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है।
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