GST काउंसिल का विलासिता की वस्तुओं पर भारी कर लगाने का फैसला

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 19 मई 2017, 5:03 PM (IST)

श्रीनगर। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और राज्यों के वित्तमंत्रियों ने मिलकर कथित विलासिता की वस्तुओं पर भारी कर लगाने का फैसला लिया। इन वस्तुओं में तंबाकू, पान मसाला और गैस युक्त पेय पदार्थ शामिल हैं। साथ विलासिता की वस्तुओं की श्रेणी में लक्जरी वाहनों को भी रखा गया है और इन पर कर की दरें ऊंची रखी गई हैं।

श्रीनगर में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की हुई दो दिवसीय बैठक में करों की सबसे ऊंची दर 28 फीसदी रखी गई है। छोटी कारों पर जीएसटी की दर 28 फीसदी होगी, इसके अलावा उन पर 1 से 3 फीसदी का उपकर भी लगाया जाएगा।

वहीं, गैस युक्त पेय पदार्थो का उपयोग कम करने के लिए इस पर भारी कर लगाया गया है। इसके तहत सोडा वाटर, लेमोनेड और अन्य पेय पदार्थ हैं, जिन पर 28 फीसदी कर के साथ 12 फीसदी का उपकर लगाया गया है।

वहीं, पान मसाला पर कुल 88 फीसदी कर वसूला जाएगा। इसे 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, जबकि 60 फीसदी का उपकर लगाया गया है।

सिगरेट पर विशेष कर के साथ ही 5 फीसदी उपकर लगाया गया है। 1000 सिगरेट पर 1,591 रुपये से लेकर 4,170 रुपये का विशेष कर लगाया गया है।

वही, 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलों, निजी विमान और नाव को 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, साथ ही इन पर 3 फीसदी का उपकर भी लगाया गया है।

तंबाकू और तंबाकू उत्पाद पर 61 फीसदी से लेकर 204 फीसदी उपकर लगाया गया, जबकि इन पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी कर लिया जाएगा।

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जीएसटी में कर की सबसे उच्च दर 28 फीसदी के अंतर्गत च्युइंगम, व्हाइट चॉकलेट, कोकोआ वाली चॉकलेट, वेफर्स कोटेड चॉकलेट, इंस्टैट कॉफी, कस्टर्ड पाउडर, बच्चों के रंग-पेंट, वार्निश, परफ्यूम्स, ब्यूटी उत्पाद, सनस्क्रीन, शैंपू, हेयर डाई, ऑफ्टर-शेव लोशन्स और डेयोड्रेंट्स रखे गए हैं।

साथ ही पटाखे, वाश बेसिन, कृत्रिम फर से बनी वस्तुएं, कृत्रिम फूल, बिग, रेजर ब्लेड, कटलेरी, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, स्टोरेज वॉटर हीटर, डिश वॉशर, फोटोकॉपी मशीन, फैक्स मशीन, इंसुलेटेड कॉपर वॉयर, कारों, कलाई घड़ी, रिवॉल्वर, पिस्टल, सिगरेट लाइटर और स्मोकिंग पाइप को भी 28 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है।

बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि सोने की दर को लेकर परिषद की बैठक में एक राय नहीं बन पाई। अब इस पर 4 जून को होने वाली परिषद की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।


परिषद ने गुरुवार को 1,211 सामानों के लिए करों की दरों को मंजूरी प्रदान की थी। इनमें से 7 फीसदी सामानों पर कर नहीं लगेगा, 14 फीसदी को 5 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, 17 फीसदी सामानों को 12 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है, 43 फीसदी सामानों को 18 फीसदी कर की श्रेणी में शामिल किया गया है, जबकि 19 फीसदी सामानों पर करों की सबसे उच्च दर 28 फीसदी लगाई गई है।

इसाक ने कहा, सेवाओं पर वर्तमान में 15 फीसदी कर लगता है। जीएसटी में इसे 18 फीसदी की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि सेवाओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा, जिससे वास्तविक कर की रकम कम होगी। उन्होंने कहा, दूरसंचार सेवाओं पर पहले जितना ही कर लगेगा। किसी एक भी चीज पर दर को बढ़ाया नहीं गया है।

पूरे देश के लिए एक समान टैक्स ढांचे पर जीएसटी काउंसिल फैसला करने जा रही है। इस फैसले के बाद 1 जुलाई से पूरे देश में सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स चुकाने वाले सभी कारोबारियों को इन नई दरों पर जीएसटी का भुगतान करना होगा।

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