कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए सात नगर निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस
(टीएमसी) ने चार नगरपालिकाओं में जीत हासिल की है। पिछले तीन दशकों में
यहां पहाड़ी इलाके मिरिक में जीत दर्ज करनेवाली वह पहली गैरपहाड़ी
(मुख्यधारा की) पार्टी है। टीएमसी ने राज्य के साउथ 24 परगना के पुजाली,
नॉर्थ दिनाजपुर के रायगंज, मुर्शिदाबाद के डोमकल और दार्जिलिंग की मिरिक
सीट पर विरोधियों का सफाया कर दिया। पुजाली के 16 वॉर्डों में से 12 पर
टीएमसी ने जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी सिर्फ दो वॉर्डों पर जीती। मुर्शिदाबाद
जिले की दोमकल के 21 वॉर्डों में टीएमसी को 20 पर सफलता मिली। शुरुआती
रुझान में लेफ्ट गठबंधन को 3 वॉर्डों पर जीत मिली, लेकिन बाद में वॉर्ड
नंबर 20 के रफीकुल इस्लाम और वॉर्ड नंबर 9 के अशदुल इस्लाम ने टीएमसी जॉइन
कर ली जिसकी वजह से लेफ्ट को एक ही सीट मिली। डोमकल नगर निगम में पहली बार
कोई चुनाव हुआ था।
चुनाव से पहले रैगनी नगर निगम पर कांग्रेस का
नियंत्रण था, लेकिन आज के परिणाम के बाद वहां के 27 वॉर्डों में से 14 पर
टीएमसी का कब्जा हो गया है। मिरिक के 9 वॉर्डों में से पार्टी ने 6 जीते।
यहां उसने बीजेपी गठबंधन की सहयोगी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) को मात
दी। तीन पहाड़ी क्षेत्र, दार्जिलिंग, कलीमपोंग और कुर्सेयोंग पर जीजेएम ने
जीत दर्ज की। दार्जिलिंग की 32 सीट में से 31 जीजेएम को गईं, वहीं
कुर्सेयोंग के 20 वॉर्डों में से 17 उसके नाम रहीं। कलीमपोंग का परिणाम
सबसे आखिर में घोषित हुआ। यहां जीजेएम-भाजपा गठबंधन को जीत मिली। 23
वॉर्डों में 11 सीटें इस गठबंधन ने जीतीं, जबकि हरका बहादुर छेत्री के
नेतृत्व वाली जन आंदोनलन पार्टी (जेएपी) ने दो और टीएमसी ने भी दो सीटों पर
जीत दर्ज की।
परिणामों पर राज्य के मंत्री अरूप बिस्वास ने कहा कि
पार्टी की यह जीत पहाड़ी क्षेत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बिना
थके की गईं कोशिशों का नतीजा है। बिस्वास ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने कई बार
पहाड़ी इलाके का दौरा किया। उन्होंने लोगों की जरूरतों को समझा और उन्हें
राजी किया। मिरिक की जीत से पहाड़ी विकास के रास्ते खुल गए हैं और हम इसे
दूसरी जगहों पर भी ले जाएंगे।’ पार्टी के महासचिव पार्थ चट्टोपाध्याय ने
कहा कि यह जीत आश्चर्यजनक रूप से नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘हम इसकी
उम्मीद कर रहे थे, लेकिन जीत का मार्जिन संतोषजनक है। मिरिक में लोगों ने
शिकायत की थी कि वहां सत्ता में रहने वालों ने विकास का बहुत कम काम किया
और फंड का गलत इस्तेमाल किया, इसलिए उन्होंने हमें वोट किया। हमारा
उद्देश्य विकास है और हम इसी रास्ते पर चलेंगे।’
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पिछले रविवार को चुनाव के दिन पुजाली, डोमकल और रायगंज से हिंसा की
रिपोर्टें आई थीं। हालांकि दार्जिलिंग, कलीमपोंग, कुर्सेयोंग और मिरिक में
वोटिंग शांतिपूर्ण रही। राज्य कांग्रेस के प्रमुख अधीर चौधरी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्जी देकर निकाय चुनावों में कथित हेराफेरी
के खिलाफ अपील की थी। लेफ्ट और कांग्रेस समर्थकों ने भी राज्य चुनाव आयोग
के कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर चुनाव रद्द करने की मांग की थी। सोमवार
को बंगाल चुनाव आयोग ने 6 बूथों पर दोबारा वोटिंग कराने का आदेश दिया जिसके
बाद मंगलवार को इन बूथों पर दोबारा वोटिंग हुई।
बुधवार को घोषित किए गए
परिणामों के लिए विपक्षी पार्टियों ने टीएमसी की कथित हिंसात्मक राजनीति
को जिम्मेदार बताया। कांग्रेस के नेता प्रकाश उपाध्याय ने कहा, ‘हर किसी ने
देखा है कि इस बार चुनाव में क्या हुआ था। चुनाव के नाम पर तमाशा हुआ और
बाद में उन्होंने वोटों में हेराफेरी की। ऐसा परिणाम प्रत्याशित था।’
सीपीएम के नेता सतरूप घोष ने कहा कि वह लेफ्ट के सहयोगियों के टीएमसी जॉइन
करने से निराश हैं। उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि दोनों ने लोगों के वोट
का सम्मान नहीं किया और जीतने के बाद पार्टी बदल ली। लेकिन टीएमसी उन्हें
कैसे स्वीकार कर सकती हैं?’
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