पानीपत।
हुडा अधिकारियों ने मिलीभगत एंजल माॅल के पार्किंग की जगह पर अवैध रूप से
बने बैंक्वेट हाल बनवा दिया। इससे से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का
नुकसान हुआ और माॅल मालिक को फायदा पहुंचाया है। यह बेसमेंट हजारों लोगों
के जीवन पर खतरा बना हुआ है। इस सारे घोटाले को जन आवाज सोसायटी के प्रधान
एवं पूर्व जिला पार्षद जोगिन्द्र स्वामी ने प्रेस कान्फ्रेंस में उजागर
किया है।
उन्होंने बताया कि आर.टी.आई. से मांगी गई सूचना से हुडा
विभाग ने एंजल प्राईम माल की बेसमेंट का कम्पलीशन जारी न होने की बात कही
है जिससे साबित हो जाता है कि एंजल प्राईम माल जमीन पर नहीं अपितु हवा में
झूल रहा है। जिसमें नक्शे के अनुसार 1882.48 मीटर यानी 20263 फुट बनता है
जिसमें हुडा की पॉलिसी के अनुसार 500 रू फुट के हिसाब से जुर्माना
1,13,15,000रूपये बनता है। इसमें दूसरे बेसमेंट जिसका नक्शे में वर्णन ही
नहीं है। जिसको 33153 फुट कवर किया गया है। इसमें हुडा अधिकारियों ने
मिलीभगत करके दूसरी बेसमेंट को बनवाया गया जबकि यह नॉन कम्पाउण्ड बेसमेंट
थी। इसका जुर्माना नहीं लगाया जा सकता। इसको हर सूरत में तोड़ना ही बनता है।
लेकिन तत्कालीन जेईओ और एसडीओ ने सर्वे में कोई वर्णन नहीं किया गया। साथ
ही मॉल मालिक से इस जुर्माने की रिकवरी की गई। दूसरी बेसमेंट की जुर्माने
की बात कही जाये तो यह 1,65,76,500 जिसमें बेसमेंट का टोटल जुर्माना
2,67,08,000 रूपये बनता है। यह जुर्माना हुडा अधिकारियों ने अपनी जेबें
गर्म कर सीधे रूप से सरकार तक पहुँचाया और मॉल मालिक को इसका फायदा करवाया
है।
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जानकारी में हुडा विभाग द्वारा बताया गया है कि ऐंजल मॉल की 5
फ्लोर की कम्पलीशन दी गई है। जबकि इसमें अब कुल 3 फ्लोर बने हुए हैं। अब
इससे बड़ी धांधली क्या हो सकती है कि बिना बने ही 2 फ्लोर की हुडा विभाग ने
मिलीभगत कर कम्पलीशन जारी कर दी गई। जबकि आम जनता का जब तक पूरा भवन नहीं
बन जाता उसकी हुडा विभाग किसी भी सूरत में कम्पलीशन जारी नहीं करता। जबकि
यहां सभी नियमों को ताक पर रखकर हुडा विभाग ने माल मालिक को पूरा फायदा
पहुँचाने का कार्य किया है। जो कि एक आपराधिक मामला बनता है। हुडा विभाग
द्वारा दी जानकारी में लोअर ग्राउण्ड फ्लोर पर कोई दुकान नहीं बनी हुई। उस
पर केवल एक स्टोर व थोड़ा सा कवर एरिया दर्शाया गया है जो कि 450.65 मीटर
यानी 4857फीट बनता है जबकि मौके पर लगभग 16000 स्क्वेयर फीट अवैध रूप से
बना हुआ है। नक्शे के अनुसार इस ऐंजल प्राईम माल में किसी भी दुकान की कोई
मंजूरी नहीं दी गई है। लगभग 40 दुकानें मॉल मालिक द्वारा अवैध रूप से बनाई
गई हैं और उनमें 15-20 करोड़ रूपये में इनमें से अधिकतर दुकानों को बेच दिया
गया। अब यह पैसा हुडा विभाग के अधिकारियों की जेब में गया या मॉल मालिक की
जेब में गया। इन दुकानों से सरकार को करोड़ों का नुक्सान हुआ और ये दुकानें
पूरी तरह से अवैध हैं। इनका हर हाल में टूटना बनता है। हालांकि हुडा विभाग
माल मालिक को समय समय पर दुकानें बंद किये जाने को लेकर नोटिस जारी करके
अवैध वसूली का तो कार्य करता रहता है लेकिन दिये नोटिसों पर कभी कोई
कार्रवाई नहीं की जाती जिसके चलते इन दुकानों को अभी तक ध्वस्त नहीं किया
गया। इस प्रकार की अवैध वसूली का धंधा आज तक भी जारी है क्योंकि हुडा विभाग
को ऐंजल प्राईम माल में पार्किंग की जगह पर अवैध तरीके से बनाए गए
बैंक्वेट हाल की पूरी जानकारी होने के बावजूद भी उस बिल्डिंग को सील न किया
जाना हुडा विभाग और मॉल मालिक की सांठगांठ को दर्शाता है।
स्वामी
ने कहा कि हुडा विभाग द्वारा दी जानकारी में बेसमेंट पार्किंग की जगह है
लेकिन एंडल प्राईम मालिक ने वहां पर बैंक्वेट हाल बना दिया गया है। जिसमें
ज्वलनशील पदार्थ जैस बिजली वायर, रसोई गैस के सिलैण्डर, फर्नीचर आदि का
इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि इस माल में उपर काफी संख्या में सिनेमाघर में
फिल्म देखने और शॉपिंग करने जाते हैं। अगर बेसमेंट में कोई आगजनी होती है
यह पूरा मॉल ही लाक्षागृह बन जायेगा। जिसमें यहां आए सैकड़ों लोगों के साथ
साथ इसके दायरे में रहने वाले हजारों लोगों के जीवन खतरे में पड़ जायेगा और
इस बैैंकवेट हाल से यहां का यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित होगा। अतः
हमारी मांग है कि इस लाक्षागृह रूपी बैंक्वेट हाल को तुरंत प्रभाव से सील
किया जाये।
स्वामी ने कहा कि एक तरफ तो हुडा विभाग इस माल में बनी
दुकानों को अवैध बताकर नोटिस जारी कर रहा है वही शराब की दुकान खोलने की
मंजूरी देकर अपनी मिलीभगत का परिचय दे रहा है। इसमें हुडा विभाग के
अधिकारियों की मॉल मालिकों के साथ मिलीभगत साफ रूप से दिखाई देती है। जिसके
चलते सरकार को कई करोड़ का नुक्सान हुडा विभाग के अधिकारियों द्वारा पहुँचा
कर अपनी जेब भारी करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की
ईमानदार मनोहर लाल सरकार में इस प्रकार के भ्रष्टाचार की जांच होने की
उम्मीद करना बेमानी है। उन्होंने मांग की है कि इस मॉल में बनी अवैध
दुकानों एवं बेसमेंट को तुरंत प्रभाव से ध्वस्त करते हुए इसमें लक्ष्य के
विपरीत बने हुए अवैध निर्माण को तुरंत प्रभाव से गिराते हुए माल मालिक और
दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करते हुए सरकार को हुई हानि
की इन लोगों से भरपाई की जाये। इस मौके पर जन आवाज सोसायटी के उपप्रधान पवन
सांगवान, सचिव डी.पी. ग्रोवर, कोषाध्यक्ष सोनू सहगल, सह सचिव सचिन सिधवानी
और नरेन्द्र बैरागी उपस्थित थे।
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