अब मशीन सूंघकर बताएगी कौन-सी बीमारी हैं आपको

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 03 मई 2017, 12:00 PM (IST)

नई दिल्ली। नब्ज देखकर बीमारी का पता लगाने के बारे में तो सभी जानते है। लेकिन आज आपको ऐसी मशीन के बारे में बता रहे है जो सूंघकर रोग को पहचान लेगी। जी हां, जल्द ही ऐसी मशीन का इजात होने वाला है। इस मशीन के आविष्कार में जुटे वैज्ञानिकों का कहना है कि सांस, ब्लड और यूरीन से रोग पहचान लेगी।

हम सभी की एक यूनीक स्मेल होती है जो हजारों कार्बनिक यौगिक से मिलकर बनती है। इस महक से हमारी उम्र, जेनटिक, लाइफस्टाइल, होमटाउन और यहां तक की हमारे मेटाबॉलिक प्रोसेस के बारे में भी पता चलता है।

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प्राचीन यूनानी और चीनी चिकित्सक रोग को पहचानने के लिए मरीज की खुशबू का इस्तेमाल किया करते थे। अब उसी तकनीक को वैज्ञानिक फिर से प्रयोग में लाने तैयारी में हैं। इस तकनीक के तहत त्वचा और सांस की गंध बीमारी का पता लगाया जा सकेगा। उदाहरण के तौर पर वैज्ञानिकों का कहना है कि मधुमेह रोगियों की सांस सड़े हुए सेब जैसी आती है। टाइफाइड रोगियों की त्वचा बेकिंग ब्रेड जैसी गंध देती हैं।

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वैसे तो हर डॉक्टर भी कुछ बीमारियों को किसी हद तक सूंघ सकता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि उसकी नाक कितनी संवेदनशील है और वह सूंघ कर बीमारियां पहचानने का कितना अनुभवी है। इस वजह से रिसर्चर्स कम खर्च में एक ऐसे सेंसर पर काम कर रहे हैं जो रोग को पहचान ले।

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आपको बता दें कि दो साल पहले ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की एक महिला ने सूंघकर ही पार्किंसंस बीमारी का पता लगाने का दावा किया था। इसके बाद डॉक्टरों को इस लाइलाज बीमारी का ठीक-ठीक पता लगा पाने की उम्मीद जगी थी। पर्थ में रहने वाली जॉय मिलने के पति लेस की पार्किसंस बीमारी से 65 की उम्र में मौत हुई थी। उन्हें 45 साल की उम्र में यह बीमारी हुई थी। ब्रिटेन में हर पांच सौ लोगों में से एक व्यक्ति इस बीमारी से पीडित है। पूरे ब्रिटेन में पार्किसंस के एक लाख 27 हज़ार मरीज हैं। इस बीमारी में रोगी को चलने, बोलने और सोने में खासी दिक्कत होती है।

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