अमृतसर। डेरा सच्चा सौदा मामले में बयान देकर विवादों में आए तख्त श्री
दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह को उनके पद से हटा दिया गया
है। यह फैसला शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के ज्ञानी गुरमुख
सिंह हॉल में हुई शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की
कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई मैराथन बैठक
शाम 6 बजे खत्म हुई।
कार्यकारिणी के सदस्यों सुरजीत सिंह कालाबूला
व गुरचरण सिंह ग्रेवाल सहित कुछ अन्य सदस्यों ने इसका विरोध किया। बाकी
सदस्यों ने अपनी सहमति दे दी, लेकिन कालाबूला व ग्रेवाल इसके विरोध में डटे
रहे। उन्होंने कहा कि केवल ज्ञानी गुरमुख सिंह ही क्यों, यदि हटाया जाना
है, तो पंजाब में स्थित तीनों तख्तों के जत्थेदारों को हटाने का फैसला लिया
जाए। बैठक में प्रधान व अन्य पदाधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सभी 15
सदस्य मौजूद थे।
दिनभर चली बैठक के बाद एसजीपीसी प्रधान प्रो.
किरपाल सिंह बडूंगर ने पत्रकारों को बताया कि सिंह साहिबान को मर्यादा का
पालन करना चाहिए। तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार का अतिरिक्त कार्यभार
संभाल रहे ज्ञानी गुरमुख सिंह मर्यादा का पालन नहीं कर सके। इसके चलते
एसजीपीसी ने उन्हें पद से मुक्त करने का फैसला लिया है। ज्ञानी गुरमुख सिंह
श्री अकाल तख्त साहिब के हेड ग्रंथी भी थे। उन्हें इन दोनों पदों से हटा
दिया गया है।
हरियाणा के गुरुद्वारा धमधान साहिब हेड ग्रंथी का जिम्मा सौंपा
ज्ञानी
गुरमुख सिंह को हरियाणा के गुरुद्वारा धमधान साहिब के हेड ग्रंथी का
दायित्व सौंपा गया है। ज्ञानी गुरमुख सिंह को हटाए जाने के बाद खाली हुए
दोनों पदों पर नई नियुक्तियां कर दी गई हैं। गुरुद्वारा श्री मुक्तसर साहिब
के हेड ग्रंथी ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब का जत्थेदार
नियुक्त किया गया है, जबकि अमृतसर के गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह नौवीं
पातशाही के हेड ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब का हेड
ग्रंथी नियुक्त किया गया है।
डेरा मामले पर हुआ था विवाद
डेरा
सच्चा सौदा से वोट मांगने को लेकर उठे विवाद में ज्ञानी गुरमुख सिंह ने
बादल परिवार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने सीधे आरोप लगाया
था कि इस मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के दबाव के बाद
फैसला लिया गया।
इससे पहले भी ज्ञानी गुरमुख सिंह ने आरोप लगाया था कि
सभी जत्थेदारों पर गलत फैसले लेने के लिए दबाव बनाया जाता है। उन्होंने कहा
था कि वह इस दबाव को नहीं सह सकते। एसजीपीसी चाहे तो इसके लिए उन्हें पद
से हटा सकता है। उनके इस बयान के बाद उन पर गाज गिरना तय माना जा रहा था,
जिस पर शुक्रवार को एसजीपीसी ने मुहर लगा दी।
सिख युवाओं को मिलेगी छात्रवृत्ति
इससे
पहले तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बलवंत सिंह नंदगढ़ को भी हटाया जा
चुका है। शुक्रवार को हुई बैठक में एसजीपीसी ने अमृतधारी सिख युवाओं के
लिए छात्रवृत्तियों की घोषणा के साथ ही उन धर्मी फौजियों के लिए भी एक-एक
लाख की सहायता का एलान किया, जिन्हें पहले यह मदद नहीं मिली। इसके अलावा
एसजीपीसी के तहत स्पोट्र्स एंड कल्चरल डायरेक्टोरेट की शुरुआत की गई है।
इसकी जिम्मेदारी डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर परमिंदर कौर रंधावा को सौंपी
गई है। इसका कार्यालय पटियाला में स्थापित किया जा रहा है।