नोएडा में सुपरटेक के फ्लैट ले रहे हो तो सावधान रहिये और ये खबर जरूर पढ़िये

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017, 4:48 PM (IST)

अमरीश मनीष शुक्ल,इलाहाबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा स्थित सुपरटेक जार सूट्स प्रोजेक्ट के अवैध 1060 फ्लैटों को सील करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने सुपरटेक डेवलपर को आधी अधूरी जानकारी देने पर फटकार लगाते हुये दूसरा हलफनामा देने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि सुपरटेक बताये कि कितने लोगों को फ्लैट आवंटित किया गया है। कितने आवंटियों को कब्जा दिया जा चुका है तथा कितने फ्लैट अब भी खाली हैं, जिनका आवंटन किया जाना है। मामले कोर्ट ने अपनी नाराजगी जारी करते हुये कहा कि सुपरटेक की जानकारी संतोषजनक जनक नहीं है। हाईकोर्ट इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकता है।


844 की जगह बने 1904 फ्लैट

यूपी के ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक कम्पनी ने 2007 में 844 फ्लैट बनाने की अनुमति ली और काम शुरू हुआ। लेकिन कंपनी ने बिना अनुमति व नक्शा पास कराए 1904 फ्लैट बना डाले। इसी मामले को लेकर वीके शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, तो मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोंसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की। जब कंपनी के फर्जीवाड़ा सामने आने लगा तो कंपनी ने कम्पाउन्डिंग देकर अनुमति ले ली। हाईकोर्ट ने इस बावत सुपरटेक कम्पनी से जवाब मांगा तो आधी अधूरी जानकारी उपलब्ध करायी गयी। जिसपर हाईकोर्ट ने कंपनी को फटकार लगाते हुई 1060 फ्लैट सील करने का आदेश दे दिया

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फ्लैट बेचने पर भी रोक

इलाहबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को थर्ड पार्टी राइट देने एवं फ्लैट बेचने पर भी रोक लगा दी है। साथ ही डेवलपर व अथॉरिटी से प्रोजेक्ट का पूरा ब्योरा मांगा है। अभी तक सुपरटेक डेबलपर के हलफनामे में जो जानकारी दी गई है। उससे कोर्ट ने सही नहीं माना और दूसरा हलफनामा मांगा है। फिलहाल कोर्ट के आदेश के बाद फ्लैट खरीदने में जुटे लोगो को सावधानी बरतनी चाहिये। साथ ही जिन्हे कब्जा मिल चुका है वह अपने कागज सुरक्षित रखे। कोर्ट के आदेश तक नये फ्लैट के चक्कर में खरीदारी लोगों को महंगी पड़ सकती है।

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