पानीपत। हरियाणा
सरकार ने प्रदेश में घूम रहे आवारा पशुओं को रोकने के लिए नंदीग्राम
गौशालाएं और बाड़ों की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था शहरी क्षेत्रों में ही
नही ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से की गई है।
यह जानकारी
हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता ने आज प्रदेश
के सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित विडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से दी।
पानीपत लघु सचिवालय में इस कार्यक्रम में जिला के अतिरिक्त उपायुक्त राजीव
मेहता की अध्यक्षता में जिला के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस विडियो कॉफ्रेंस
बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में यह समस्या काबू में आ गई
थी लेकिन पड़ोसी राज्यों से आवारा पशु आने की सूचना मिल रही है इसलिए सभी
जिला उपायुक्तों द्वारा कैचिंग पर्टियां गठित की गई हैं जो शहरी क्षेत्रों
में आवारा पशुओं को पकडक़र गौशालाओं, नन्दीग्राम और ग्रामीण क्षेत्र के पशु
बाड़ों में भेज रही है। उन्होंने बताया कि पानीपत जिला में 50 एकड़ भू-भाग
पर एक आधुनिक गौअभ्यारण बनाया जा रहा है जिसके लिए सरकार ने 2 करोड़ रूपये
की राशि जारी कर दी है और यह पूर्ण कार्य जिला प्रशासन की देखरेख में
सम्पन्न करवाया जाएगा।
उन्होंने विडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से
अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे 30 जून से पूर्व आवारा पशुओं पर नियंत्रण
प्राप्त करलें और इस निर्धारित तिथि के बाद कोई भी पशु आवारा सडक़ों पर नजर
ना आए। गऊशालाओं अथवा नन्दीग्राम में प्रशिक्षित पशु केयर लगाए जाएं और
उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पशुपालन विभाग के सभी जिलों
में नियुक्त उपनिदेशकों को कड़े निर्देश दिए कि यह कार्य मुख्य रूप से
पशुपालन विभाग का है। जिला प्रशासन भी उनका भरपूर सहयोग कर रहा है। अगर फिर
भी कही आवारा पशु घूमते नजर आए तो इस पशुपालन विभाग की लापरवाही माना
जाएगा और सम्बंधित जिला के उपनिदेशक के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई
जाएगी।
इस अवसर पर पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डा0 वाईडी त्यागी ने बताया
कि जिला में पशुओं की कुल संख्या 3 लाख से अधिक है और आवारा पशुओं की
संख्या 4640 है जिनमें से 3640 पशु जिला की विभिन्न 18 गौशालाओं में भेज
दिए गए हैं तथा लगभग 1000 पशु गौशालाओं से बाहर हैं जिन्हें पकड़वाने के
प्रयास किए जा रहे हैं। इन पशुओं को पकड़वाने और गौशाला तक भिजवाने में
पानीपत जिला के गौसेवकों ने हरिओम तायल के नेतृत्व में महत्वपूर्ण सहयोग
दिया है। उन्होंने बताया कि जिला के सभी आवारा पशुओं का टैकिंग कार्य पूरा
कर लिया गया है ताकि दोबारा सडक़ पर घूमने वाले पशु का पूरा विवरण पता किया
जा सके कि यह किस गौशाला से आया है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त राजीव
मेहता, मुख्यमंत्री की सुशासन सलाहकार प्रियांजली मित्रा, नगर निगम की
आयुक्त वीना हुडडा, एसडीएम विवके चौधरी, डीडीपीओ रूपेन्द्र मलिक, जिला
शिक्षा अधिकारी उदय प्रताप, एसई एनडी वशिष्ठ, डीआईओ मुकेश चावला के अलावा
सभी सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।