BMW हिट एंड रन मामले में पुलिस कमिश्नर समेत 5 अफसरों के वारंट जारी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017, 3:45 PM (IST)

जयपुर। राजधानी के बहुचर्चित BMW हिट एंड रन मामले में शहर की एक अदालत ने
IPS, RPS व अन्य पुलिसकर्मियों को अदालत ने 20 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी कर जयपुर पुलिस कमिश्नर सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को 20 मई को तलब किया है।

महानगर मजिस्ट्रट क्रम 11 ने एमएलए नंदकिशोर महरिया के पुत्र सिद्धार्थ महरिया ने पुलिस के खिलाफ इस्तगासा लगाया था। इसकी सुनवाई के बाद शुक्रवार को न्यायालय ने जाँच के बाद प्रसंज्ञान लेकर जारी किये वारंट। इनमें जयपुर पुलिस कमिश्रनर संजय अग्रवाल एडीशनल पुलिस कमिश्रनर प्रफुल्ल कुमार व डीसीपी (साउथ) मनीष अग्रवाल के वारंट जारी किए हैं। अदालत ने RPS योगेश गोयल और रामगोपाल को भी तलब किया है।




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सिद्धार्थ ने इस्तगासा में आरोप लगाया था कि पुलिस दूषित अनुसन्धान कर उसे फंसा रही है। उसे अवैध रुप से हिरासत में रखकर मारपीट की गई। मारपीट से 3 फ्रेक्चर सहित कई अन्य चोटें आई जबकि पहले मेडिकल में थी केवल एक रगड़क चोट थी।
2 जुलाई को कार का एयरबैग जब्त हो गया था फिर भी 3 जुलाई को FSL ने कार में एयरबैग देखा। इस मामले में एडवोकेट गोवर्धन सिंह और सुनील वशिष्ठ ने मामले की पैरवी की।

यह आरोप है


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सीकर के फतेहपुर से निर्दलीय विधायक नंदकिशोर महरिया के बेटे सिद्धार्थ महरिया पर आरोप है कि उसने 1 जुलाई की रात जयपुर के सेंट जेवियर चौराहे पर अपनी बीएमडब्ल्यू कार से 3 लोगों को कुचल दिया था। बाद में उसके ड्राइवर ने कबूल किया था कि कार वह खुद चला रहा था। पुलिस ने सिद्धार्थ के खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट पेश की थी। अदालत ने आरोपी के खिलाफ प्रसंज्ञान लेकर कार्रवाई शुरु कर दी थी।
निचली अदालत की ओर से लिए प्रसंज्ञान आदेश को महरिया की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता के पिता निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में भाजपा सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के चलते दुर्घटना को गैर इरादतन हत्या का रूप देकर याचिकाकर्ता को फंसा रही है।

हालांकि, गत 19 अप्रैल को मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह याचिका वापस लेकर इसमें उठाए बिंदु ट्रायल कोर्ट में चार्ज बहस के समय उठाना चाहता है। ऐसे में याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता महरिया को अनुमति देते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया था।

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